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US Bomb Cyclone से क्रिसमस पर न्यूयॉर्क में आपातकाल, दसियों लाख फंसे... जानें क्या है यह 'खतरा'

यह एक मौसम संबंधी घटना है, जिसमें वायुमंडल में एक कम दबाव वाला क्षेत्र विकसित होता है. इस क्षेत्र के दबाव में फिर तेजी से और गिरावट आती है. इसके साथ ही भारी बर्फबारी, तेज हवाओं समेत बर्फीले तूफान मौसम को बेहद खतरनाक बना देते हैं.

Updated on: 24 Dec 2022, 07:14 PM

highlights

  • अमेरिका के एक बड़े हिस्से को क्रिसमस पर झेलना पड़ेगा बर्फानी कहर
  • खराब मौसम की वजह से लाखों घरों की बिजली हो सकती है गुल
  • क्रिसमस की छुट्टियों पर भी पड़ेगा गहरा असर, हजारों फ्लाइट्स रद्द

नई दिल्ली:

हाड़ कंपाती ठंड के लिहाज से आकर्टिक (Arctic) से आई बेहद खतरनाक बर्फीली हवाओं ने अमेरिका (America) के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है. ऐसे में इस बात की आशंका बढ़ गई है कि अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा ऐतिहासिक सर्दी में क्रिसमस (Christmas) मनाने को मजबूर होगा. इन अमेरिकी शहरों पर मंडरा रहे सर्दी के तूफान से लाखों अमेरिकियों की क्रिसमस (Xmas) की छुट्टियों से जुड़ी योजनाओं पर 'बर्फ जम' सकती है. न्यूयॉर्क में तापमान माइनस 45 डिग्री पहुंचते ही आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. बर्फानी तूफान की आशंका से ग्रेट लेक से जुड़े इलाकों में मौसम की जबर्दस्त मार रहवासियों को झेलनी पड़ सकती है. इसकी वजह से पूर्व के तटीय इलाकों में 5 सेमी तक भारी बारिश के बाद 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बर्फीली हवाएं चलेंगी. यही नहीं, इस इलाके से मैक्सिको की सीमा तक बर्फानी तूफान लोगों की क्रिसमस की छुट्टियों पर संकट के 'सफेद बादल' मंडरा रहे हैं. नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक इस बर्फानी तूफान के आसार गुरुवार से ही सामने आने लगे थे. ग्रेट लेक इलाकों के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने लगा था. इस मौसमी घटना को तकनीकी तौर पर 'बॉम्ब साइक्लोन' के नाम से जाना जाता है. अभी तक खराब बर्फीले मौसम की वजह से डेढ़ दर्जन से अधिक मौतें भी हो चुकी हैं. इनमें से अधिकांश सड़क हादसों में हुईं.

आखिर होता क्या है 'बॉम्ब साइक्लोन'
यह एक मौसम संबंधी घटना है, जिसमें वायुमंडल में एक कम दबाव वाला क्षेत्र विकसित होता है. इस क्षेत्र के दबाव में फिर तेजी से और गिरावट आती है. इसके साथ ही भारी बर्फबारी, तेज हवाओं समेत बर्फीले तूफान मौसम को बेहद खतरनाक बना देते हैं. यह आमतौर पर सर्दियों के महीनों में आते हैं, लेकिन अन्य मौसमों के दौरान भी मौसमी बदलाव से ये कहर बरपा सकते हैं. मौसम से जुड़ी यह स्थिति पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और एशिया जैसे मध्य अक्षांशों वाले क्षेत्रों में देखने में आती है. 'बॉम्ब साइक्लोन' तब बनते हैं जब वायुमंडल में एक कम दबाव का सिस्टम बहुत ठंडी हवा वाले क्षेत्र से गुजरता है. जैसे ही ठंडी हवा इस सिस्टम से गुजरती है, तो हवा का दबाव भी तेजी से गिरता है. इसकी वजह से तेज हवाएं चलती हैं, क्योंकि हवा कम दबाव वाले क्षेत्र को तेजी से भरना चाहती हैं. 'बॉम्ब साइक्लोन' उस क्षेत्र में हवा के तापमान के आधार पर भारी बारिश और बर्फबारी लाता है. 'बॉम्ब साइक्लोन' बहुत खतरनाक हो सकते हैं. ये तेज बर्फीली हवाओं के बाद भारी बर्फबारी का वायस बनते हैं. यह मौसमी बदलाव यात्रा को कठिन बना दैनिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं. इनकी वजह से बिजली संकट के साथ-साथ प्रभावित इलाकों की इमारतों और अन्य बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंच सकता है. इस वक्त अमेरिका के कई हिस्से इसी संकट से जूझ रहे हैं. प्रभावित इलाकों के लोगों को 'बॉम्ब साइक्लोन' के लिए तैयार रहते हुए तमाम सावधानियां बरतने की अपेक्षा की जाती है. मसलन मौसम एजेंसियों की चेतावनी या सलाह का पालन कर घर के अंदर रहना, यात्रा से बचना और आपातकालीन आपूर्ति किट को साथ में रखना शामिल. पिछले साल भी बर्फीले तूफान ने फोर्ट वर्थ और टेक्सास को बुरी तरह से प्रभावित किया था. इन इलाकों की बिजली गुल हो गई थी और खून जमा देने वाली सर्दी की वजह से दर्जनों लोगों की मौत भी हुई थी. मौसम विज्ञानियों की मानें तो इस साल का बॉम्ब साइक्लोन उससे भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. 

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ऐतिहासिक रूप से खून जमा देने वाला ठंडा हो सकता है क्रिसमस
नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक आर्कटिक की ठंड से बन रही बर्फीली हवाओं से कई इलाकों में तापमान माइनस 45 डिग्री तक पहुंच चुका है. यह और भी गिर सकता है खासकर मैदानी इलाकों समेत उत्तर रॉकीज और ग्रेट बेसिन जैसे इलाकों में. मौसम विज्ञानियों की मानें तो मौसम की इस स्थिति के संपर्क में आने के पल भर में इंसान 'फ्रॉस्ट बाइट' (शीत दंश, जिसमें हाथ-पैर की अंगुलियां का मास गिरने लगता है) का शिकार हो सकता है, जो अमूमन हिमालय की ऊंची चोटियों पर होता है. यही वजह है कि वॉशिंगटन स्टेट से फ्लोरिडा सरीखी निचले 48 राज्यों के लिए विंटर वेदर अलर्ट जारी की जा चुकी है. चेतावनी में कहा गया है कि बर्फीली हवाओं से 135 मिलियन लोग प्रभावित हो सकता है. यही नहीं, आशंका जताई जा रही है कि मध्य अटलांटिक और मैदानी इलाकों में इस बार क्रिसमस ऐतिहासिक तौर पर रिकॉर्ड बर्फीली सर्दी में मनाया जाएगा. नेशनल वेदर सर्विस की चेतावनी के मुताबिक फिलेडेल्फिया में तापमान माइनस 9 डिग्री गिर सकता है, जो 1943 के बाद से सबसे कम तापमान होगा. इसी तरह ओवा में तापमान माइनस 26 डिग्री गिर सकता है, जो 1980 के बाद से बड़ी गिरावट होगी. कम दबाव वाली बर्फीली हवाओं का यह क्षेत्र ओक्लोहोमा और उत्तरी पश्चिमी टेक्सास की ओर बढ़ रहा है, जहां तापमान में ऐतिहासिक गिरावट देखी जा सकती है. इस आशंका के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने बिजली संकट समेत परिवार के वृद्ध और आसपास के बेघर लोगों के लिए पहले ही चेतावनी जारी कर दी है. साथ ही कहा है कि अगर संभव हो इस दौरान यात्रा करने से भी बचें.

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क्रिसमस की छुट्टियों पर जम सकती है बर्फ
अमेरिकी ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के मुताबिक अंदाजन 112 मिलियन लोग शनिवार से 2 जनवरी के बीच अपने घर से 50 मील या ज्यादा दूरी के सफर पर निकलने वाले हैं. इनमें से 102 मिलियन लोग यह दूरी अपनी कार से तय करेंगे. ऐसे में बर्फीले तूफान को लेकर चेतावनी पहले से ही जारी कर देने से ये लोग यात्रा रद्द कर सकते हैं. यही नहीं, विमान संचालन कंपनियों को भी लग रहा है कि भारी बर्फबारी और बाद में आने वाले बर्फीले तूफान से सैकड़ों फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ सकता है. हाल-फिलहाल इस खराब मौसम की वजह से सिर्फ शिकागों से 3 हजार से अधिक फ्लाइट्स रद्द की जा चुकी हैं. आने वाले दिनों में रद्द होने वाली फ्लाइट्स की संख्या और शहरों की सूची बढ़ सकती है. पश्चिमी राज्य मोंटेना में शुक्रवार को तापमान माइनस 45 डिग्री पहुंच गया था. अमेरिका के 10 लाख से अधिक लोग अभी से खराब मौसम के कारण बिजली संकट से जूझ रहे हैं. सबसे ज्यादा असर उत्तरी केरोलिना, वर्जीनिया और टैनिसी में पड़ा है.