Bilawal Bhutto India Visit: बिलावल भुट्टो के लिए खास है भारत दौरा, जानें मायने
पाकिस्तान के लिए आज का दिन बहुत अहम है क्योंकि अपने चीर प्रतिद्वदी कहे जाने वाले भारत के साथ संबंधों को लेकर पूरी दुनिया की नजरें उस पर हैं.
highlights
- पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पहुंचे भारत
- बिलावल भुट्टो के लिए खास है भारत दौरा
- SCO समिट में भारत के विदेश मंत्री से होगा आमना-सामना
New Delhi:
Bilawal Bhutto India Visit: पाकिस्तान (Pakistan) के लिए आज का दिन बहुत अहम है क्योंकि अपने चीर प्रतिद्वदी कहे जाने वाले भारत के साथ संबंधों को लेकर पूरी दुनिया की नजरें उस पर हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) आज भारत पहुंचे हैं. वो यहां शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO)की ओर से आयोजित विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. खास बात यह है कि एक दशक यानी 12 वर्ष बाद कोई पाकिस्तानी विदेश मंत्री भारत की सर जमीं पर कदम रख रहा है. वो भी ऐसे समय जब भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध कुछ ठीक नहीं हैं. आतंकवाद से लेकर सीमा सुरक्षा संबंधी कई मुद्दों पर भारत लगातार पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर उजागर कर चुका है. बहरहाल यहां हम बात कर रहे हैं बिलावल भुट्टो के भारत दौरे की. बिलावल का ये भारत दौरा बहुत खास है. आइए कुछ बिंदुओं के जरिए समझते हैं बिलावल के भारत आने के मायने.
क्या है बिलावल भुट्टो के भारत आने के मायने
1. कंगाल पाकिस्तान को सहारा
SCO बैठक में शामिल होने के लिए बिलावल भुट्टो भारत तो आए हैं, लेकिन यहां उनकी मंशा अपने देश को कंगाली में सहारा दिलाने की है. दरअसल इस बैठक में चीन से लेकर रूस तक उन देशों के विदेश मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं जिनकी मदद के सहारे ही पाकिस्तान अपने दिन काट रहा है. लेकिन हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि अब बिलावल भुट्टो और पाकिस्तान के पास किसी भी हाल में किसी भी देश की मदद की मदद का ही सहारा है. ऐसे में बिलावल चाहेगा कि वो इस समिट में पाकिस्तान के साथ ट्रेड को लेकर कोई सकारात्मक नोट के साथ पाकिस्तान लौटे.
2. रूस-चीन के सामने न्यूट्रल बने रहना
पाकिस्तान वैसे तो लगातार भारत को लेकर गलत बयानबाजियां वैश्विक स्तर पर करता रहा है. लेकिन इस समिट में उसे रूस-चीन से मदद की दरकार है, लिहाजा वो ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेगा कि इन देशों के सामने उसकी किसी भी तरह किरकिरी हो. यही वजह कि ना चाहते हुए भी पाकिस्तान ने अपने विदेश मंत्री को भारत भेजा है, जिससे वो इन देशों के बीच खुद को न्यूट्रल बता सके.
India nudges for adopting English as working language of Shangai Corporation Organisation
— ANI Digital (@ani_digital) May 4, 2023
Read @ANI Story | https://t.co/Ej5TbjsSuR#SCO2023 #India #englishlanguage pic.twitter.com/KzC6Le0yeu
भारत के लिए भी अहम
बिलावल भुट्टो को अपनी जमीं पर बुलाकर भारत ने भी दुनिया को बड़ा संदेश दे दिया है. भारत ने कश्मीर ने जब से धारा 370 हटाई है तभी से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ था. इसको लेकर उसने भारत को दुनिया के कई मंचों पर बदनाम करने की नापाक कोशिश भी की, लेकिन इसमें कामयाब नहीं हुआ. बावजूद इस रुख के भारत ने अपने यहां एससीओ समिट का आयोजन कर लिया और पाकिस्तान को अपनी तिलमिलाहट के बीच यहां आना पड़ा. ये कूटनीति के लिहाज से भारत की बड़ी जीत में से एक है.
यह भी पढ़ें - NCP New President: अजित-सुप्रिया में जो भी संभाले NCP की कमान, फायदे में रहेंगे शरद पवार, जानें 3 बड़े कारण
क्यों SCO है जरूरी
पाकिस्तान और बिलावल भुट्टो सरकार के लिए एससीओ काफी अहम है. दरअसल शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO की ताकत का अंदाजा लगाना है तो इसमें शामिल देशों को जानना बहुत जरूरी है. एससीओ के सदस्यों की बात करें तो इसमें कुल आठ सदस्य देश हैं. भारत के अलावा चीन, रूस, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, कजागिस्तान, ताजिकिस्तान और पाकिस्तान हैं. इसके अलावा चार पर्यवेक्षक देश भी शामिल हैं. इनमें बेलारूस, मंगोलिया, ईरान और अफगानिस्तान हैं.
इसकी मजबूती का अंदाजा भी इसी बात से लगाया जा सकता है कि, दुनिया की 40 फीसदी से ज्यादा पॉपुलेशन यानी जनसंख्या इन्हीं देशों में है. यही नहीं ये देश विश्व की एक चौथाई GDP के भी भागीदारी हैं. इस संगठन की स्थापना 15 जून 2001 को हुई थी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Love Rashifal 3 May 2024: इन राशियों के लिए आज का दिन रोमांस से रहेगा भरपूर, जानें अपनी राशि का हाल
-
Ganga Dussehra 2024: इस साल गंगा दशहरा पर बन रहा है दुर्लभ योग, इस शुभ मुहूर्त में स्नान करें
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीय के दिन करें ये उपाय, चुम्बक की तरह खिंचा चला आएगा धन!
-
First Hindu Religious Guru: ये हैं पहले हिंदू धर्म गुरु, भारत ही नहीं विश्व भी करता है इन्हें नमन