logo-image

कमलनाथ का सियासी सफर! संजय गांधी से दोस्ती.. कम उम्र में संभाली बड़ी जिम्मेदारी.. जानें राजनीति पारी के आगाज की पूरी कहानी

मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है... प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ भाजपा जॉइन करने जा रहे हैं! इन अटकलों के बीच उन्होंने कांंग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.

Updated on: 17 Feb 2024, 05:46 PM

नई दिल्ली :

मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है... प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ भाजपा जॉइन करने जा रहे हैं! इन अटकलों के बीच उन्होंने कांंग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. वहीं खबरें हैं कि, बीते कई वक्त से कमलनाथ लगातार से भाजपा के शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं. आज वे भाजपा आलाकमान से मुलाकात के लिए दिल्ली भी पहुंचे हैं. मालूम हो कि, वो अकेले नहीं हैं, बल्कि उनके साथ उनके बेटे सांसद नकुलनाथ भी हैं. ऐसे में यहां सवाल है कि, इस वक्त हर खबर की सुर्खियों में मौजूद कमलनाथ आखिर हैं कौन ? चलिए उनके पूरे सियासी सफर को जानें...

शुरुआती जीवन...

कमलनाथ का जन्म साल 1946 नवंबर माह में, कानपुर में एक व्यवसायी परिवार में हुआ था. उनके पिता महेंद्र नाथ फिल्मों के प्रदर्शन और वितरण, प्रकाशन, व्यापार पावर ट्रांसमिशन से जुड़ी कंपनियों की स्थापना की थी. कमलनाथ की शुरुआती पढ़ाई देहरादून के प्रतिष्ठित स्कूल दून में की, जहां वे संजय गांधी के क्लासमेट रहे. 

कमलनाथ और संजय गांधी की दोस्ती उनके सियासी पारी के आगाज का एक मुख्य जरिया बनी. 1968 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा, इसी साल उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से बी.कॉम किया, जिसके बाद जनवरी 1973 में उनकी शादी अलका नाथ से हो गई. कमलनाथ के दो बेटे हैं, नकुलनाथ और बकुलनाथ, जिसमें से नकुलनाथ फिलहाल पिता की परंपरागत छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद हैं. 

कैसा रहा है कमलनाथ का सियासी सफर?

असल मायने में साल 1980 में सातवीं लोकसभा में चुनाव जीतकर जब वो पहली बार संसद पहुंचे, तो इसी को उनकी असली राजनीतिक पारी की शुरुआत करार दिया गया. इसके बाद 1985, 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में भी जीतकर संसद के निचले सदन तक पहुंचने का सिलसिला जारी रहा. 

न सिर्फ ये बल्कि, इस बीच उन्होंने कई सरकारों में मंत्री पद की जिम्मेदारी को भी बखूबी संभाला. कमलनाथ नीचे दिए गए पदों पर रहे...

  • साल 1991-1995- पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
  • साल 1995-1996- वस्त्र मंत्रालय में केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
  • साल 2004-2009- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में केन्द्रीय मंत्री
  • साल 2009-2011- केन्द्रीय मंत्री सड़क परिवहन और राजमार्ग
  • साल 2011-2014- केन्द्रीय मंत्री शहरी विकास और अक्तूबर 2012 से मई 2014 तक केन्द्रीय मंत्री संसदीय कार्य
  • साल 2018-2020- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, फिर महज 15 महीनों में ही कमलनाथ वाली कांग्रेस सरकार गिर गई.