logo-image

भारत मना रहा आजादी का अमृत महोत्सव, पाकिस्तान में संकट की डायमंड जुबली 

इमरान खान ने 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने और एक बार फिर "वास्तविक स्वतंत्रता" पर जोर देने के लिए लाहौर में एक प्रभावशाली विशाल शक्ति प्रदर्शन किया.

Updated on: 14 Aug 2022, 05:07 PM

highlights

  • इमरान खान का 75वां स्वतंत्रता दिवस पर "वास्तविक स्वतंत्रता" पर जोर  
  • पीटीआई ने लाहौर में "हकीकी आजादी" नामक पावर शो आयोजित किया
  • टीएलपी ने रावलपिंडी के लियाकत बाग से एक जुलूस का नेतृत्व किया

 

नई दिल्ली:

भारत इस वर्ष अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरा कर रहा है. 15 अगस्त, 2022 को हम 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे. आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के पहले से ही देश भर में केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से तरह-तरह के कार्यक्रम मनाए जा रहे हैं. इस अवसर पर हम आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहे हैं. इसके साथ ही देश के विकास, समाज के हर समुदाय की भागीदारी, महिलाओं की स्थिति, शिक्षा-स्वास्थ्य और तमाम बुनियादी चीजों का लेखा-जोखा भी कर रहे हैं. देश के लोकतंत्र से लेकर लोकतंत्र में हर तबके की भागीदारी पर भी विमर्श चल रहा है. इस दौरान हमने क्या हासिल किया और क्या हासिल कर लेना था, इस पर विचार-विमर्श चल रहा है. भारत का पड़ोसी देश भी 15 अगस्त, 1947 के एक दिन पहले यानि 14 अगस्त, 1947 को भारत से अलग होकर एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आ गया था. इस तरह पाकिस्तान भी अपने  अस्तित्व में आने की डायमंड जुबिली मना रहा है. 

पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता

भारत जहां अपनी आजादी के 75वें वर्ष में मजबूत नेतृत्व के साथ आगे बढ़ रहा है, वहीं  पाकिस्तान 75वें स्वतंत्रता दिवस के बीच इस साल की शुरुआत में राजनीतिक बदलाव के कारण उथल-पुथल में लिपटा हुआ लग रहा था. देश की अवधारणा के 75 साल बाद जिन्ना के 'विश्वास, एकता और अनुशासन' के आदर्श वाक्य में आनंद लेने के बजाय पाकिस्तान  'संकट का ब्रांड' बन रहा है.

अभी हाल ही में वहां के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को शहबाज शरीफ द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था. उसके बाद इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने  लाहौर हॉकी स्टेडियम में "हकीकी आजादी" नामक एक बड़ा पावर शो आयोजित किया था.दूसरी ओर तहरीक-ए -लब्बाइक पाकिस्तान  ने "नाजरिया पाकिस्तान सम्मेलन और रैली" भी की.

इमरान खान ने अपने लाहौर जलसा में शामिल होने के लिए पूरे पाकिस्तान से अपने कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया था.पीटीआई समर्थकों ने खान के संबोधन को सुनने के लिए कराची, इस्लामाबाद और रावलपिंडी सहित विभिन्न शहरों में स्क्रीन लगाए.

इस बीच, टीएलपी ने भी शनिवार को अपने कार्यकर्ताओं से फैजाबाद में इकट्ठा होने का आह्वान किया था, क्योंकि पार्टी ने लियाकत बाग से फैजाबाद इंटरचेंज तक अपनी रैली और सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई थी.इसके लिए टीएलपी कार्यकर्ताओं ने रावलपिंडी में फैजाबाद और मुर्री रोड को बंद कर दिया. दोनों पार्टियों की रैलियों और जुलूसों के कारण पूरे दिन लाहौर और जुड़वां शहरों में सड़कें अवरुद्ध रहीं.ट्रैफिक डायवर्ट किया गया और लोग घंटों जाम में फंसे रहे.

इमरान खान की चेतावनी

इमरान खान ने 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने और एक बार फिर "वास्तविक स्वतंत्रता" पर जोर देने के लिए लाहौर में एक प्रभावशाली विशाल शक्ति प्रदर्शन किया. उन्होंने भ्रष्टाचार के लिए पार्टी के अन्य नेताओं की आलोचना की और उन पर 'अमेरिका के गुलाम' होने का आरोप लगाया.लेकिन साथ ही, खान ने स्पष्ट किया कि वह अमेरिका विरोधी नहीं थे. उन्होंने कहा था कि वह अमेरिका से दोस्ती चाहते हैं. यह इमरान खान का अमेरिका के बारे में अपने पिछले रुख से ताजा बदलाव है.

इससे पहले खान ने अमेरिका पर उनके खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया था, जिसके कारण उनकी सरकार का पतन हुआ. इमरान खान ने आगे कहा कि वह 'किसी से भी डील' करेंगे. उन्होंने कहा, 'जो लोग सितंबर में नवाज शरीफ को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं और मेरी तुलना उस भगोड़े से कर रहे हैं. मेरी बात ध्यान से सुनो, मैं ऐसा नहीं करूंगा, मैं कोई सौदा नहीं करूंगा."

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कुछ लोग पीटीआई और सेना के बीच झड़प की कोशिश कर रहे हैं. स्वतंत्रता दिवस पर, पाकिस्तान की एकता और विकास पर बात करने के बजाय, इमरान खान ने एक बार फिर उनके खिलाफ साजिश करने के लिए संस्थानों की आलोचना की.उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त पर पंजाब में उपचुनाव में 'धांधली' करने का आरोप लगाया और उन्हें कायर आदमी बताते हुए कहा कि वह 'पीठ पर जूता या बूट नहीं उठा सकते', उन्होंने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के साथ मिलकर काम किया था.

टीएलपी प्रमुख के कोड वर्ड

टीएलपी के 'पाकिस्तान विचारधारा मार्च और सम्मेलन' से पहले, पार्टी प्रमुख ने फैजाबाद इंटरचेंज में एक रैली को संबोधित करने से पहले, इस्लामाबाद के जुड़वां शहर रावलपिंडी के लियाकत बाग से एक जुलूस का नेतृत्व किया. बड़ी संख्या में टीएलपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने बैनर, तख्तियां और टीएलपी झंडे लिए रैली और जुलूस में भाग लिया.

तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान के प्रमुख साद हुसैन रिज़वी ने कहा है कि "कुछ तत्व देश  को सिर्फ राजनीतिक हितों के लिए बेवकूफ बना रहे थे" और अमेरिका से माफ़ी मांगने वालों को पाकिस्तान के लोगों पर दया करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: तिब्बत का विकास छलावा, चीन इस तरह कर रहा तिब्बती संस्कृति को नष्ट

“बच्चे का पालन-पोषण हुआ है, राष्ट्र अब और प्रयोग नहीं कर सकता.जल्द ही हम बारहवें खिलाड़ी का तमाशा देखेंगे." उन्होंने कहा कि, “तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान ने अभी तक अपना धक्का नहीं दिया है.लेकिन वे जानते हैं कि कैसे अपना अधिकार लेना और राजी करना है. कश्मीरियों को पैसे की कीमत पर बेचा गया, आप पाकिस्तान को कितना बांटना चाहते हैं?” 

टीएलपी प्रमुख ने अफसोस जताया कि जब देश का आधा हिस्सा मूसलाधार बारिश की चपेट में था, राजनेता आपस में लड़ रहे थे और 'जेल-जेल' खेल रहे थे.