logo-image

Suryayaan: आदित्य एल1 के साथ क्या है PAPA का कनेक्शन, इससे कैसे मिलेगा फायदा, जानें मिशन का कुल खर्च

Aditya L-1 Updates: इसरो के सन मिशन सूर्ययान को चंद्रयान-3 के मुकाबले आधी लागत में किया गया है तैयार, आदित्य एल-1 के साथ जानें क्या है PAPA का खास कनेक्शन

Updated on: 29 Aug 2023, 11:51 AM

highlights

  • इसरो के सन मिशन सूर्ययान को लेकर आई बड़ी अपडेट
  • 125 दिन में अपने टारगेट पर पहुंचेगा आदित्य एल-1
  • चंद्रयान-3 के मुकाबले आधी लागत में तैयार हुआ है सूर्ययान

नई दिल्ली:

Suryayaan: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी ISRO लगातार स्पेस में भारत के नाम नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है. इसरो की उपब्धियों पर पूरी दुनिया ताली बजा रही है. हर कोई भारत की ओर उन नजरों से देख रहा है जिसका वो काफी लंबे समय से हकदार है. भारतीय वैज्ञानिकों का नाम पूरे विश्व में आदर से लिया जा रहा है, क्योंकि मिशन चंद्रयान-3 की सफलता ने हर किसी को इन साइंटिस्ट का दीवाना बना दिया है. इसरो के चंद्रयान-3 के बाद अब हर किसी की नजरें मिशन सन यानी सूर्ययान पर टिकी हैं. सूर्ययान अगले महीने के पहले ही हफ्ते में अपने टारगेट की ओर कूच करेगा. 

सूर्ययान यानी आदित्य एल-1 के लॉन्चिंग की तारीख सामने आ चुकी है और इसके साथ ही कई बड़ी और अहम जानकारियां भी इसरो की ओर से लगातार साझा की जा रही हैं. इन्हीं में से एक है PAPA. जी हां सूर्ययान के साथ पापा का एक खास कनेक्शन है. इस कनेक्शन में क्या खास है इससे कैसे हमें फायदा मिलेगा. आइए एक नजर में पूरा जानकारी हासिल करते हैं. 

क्या है आदित्य एल-1 के साथ PAPA कनेक्शन
पापा कनेक्शन से यहां मतलब प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) से है. पापा आदित्य एल-1 के साथ ही उड़ान भरेगा. अब इसके काम की बारे में बात करें तो ये सबसे महत्वपूर्ण काम होगा सूर्य की गर्मी का अंदाजा लगाना. दरअसल सूरज से निकलने वाली गर्म हवाओं की स्थिति का सही आंकलना लगाने में पापा का अहम भूमिका होगी. यही नहीं ये उन हवाओं में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स और भारी आयन के डायरेक्शन का शोध भी करेगा. इसके साथ ही सूर्य से निकलने वाले कणों के वेट यानी वजन का आंकलन करना भी पापा का ही काम होगा. 

यह भी पढ़ें - अब सूरज पर होगा भारत का तिरंगा, लाइव देखना चाहते हैं Aditya-L1 की लॉन्चिंग

आदित्य एल-1 की कितनी है लागत
इसरो के सूर्ययान यानी आदित्य एल-1 को लेकर लगातार एक सवाल हर किसी के जहन में है कि आखिर इसकी लागत कितनी है. हालांकि अब तक इसरो की ओर से इसको लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन वर्ष 2019 में सूर्य के वातारवरण का अध्ययन करने के लिए इस मिशन को 378 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी. बता दें कि चंद्रयान-3 पर कुल 615 करोड़ रुपए खर्च हुए, जबकि सूर्ययान पर इसकी आधी कीमत ही लागत के तौर पर बताई जा रही है. 

125 करना होगा इंतजार
आदित्य एल-1 कुल 1.5 मिलियन किलोमीटर की यात्रा तय करेगा. इसरो के निदेशक एस सोमनाथ की मानें तो लॉन्चिंग के बाद आदित्य एल-1 को धरती से अपना टारगेट तक पहुंचने में कुल 125 दिन लग सकते हैं. यानी तब तक हम लोगों को इसकी सफलता के लिए इंतजार करना होगा. सवा सौ दिनों के बाद ही ये अपना असली काम शुरू करेगा और इसकी सक्सेस पर बात की जा सकेगी.