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NASA ने की 17 नए ग्रहों की खोज, जिनकी जमीन के नीचे छिपे हैं विशाल महासागर, एलियंस को लेकर दिया जवाब

NASA: वैज्ञानिकों की टीम ने इन एक्सोप्लानेट पर गीजर गतिविधि की मात्रा की गणना की है. जिससे पहली बार ये अनुमान लगाया गया है.

Updated on: 17 Dec 2023, 12:46 PM

highlights

  • नासा ने की 17 एक्सोप्लानेट की खोज
  • इनकी सतह के नीचे मौजूद है विशाल महासागर
  • सूर्य जैसे तारों का चक्कर लगाते हैं एक्सोप्लानेट

नई दिल्ली:

NASA: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने हाल ही में कुछ ऐसे एक्सोप्लानेट्स की खोज की है जिनकी तहत के नीचे विशाल महासागर होने की संभावना है. इसके साथ ही इनकी बर्फीली सतह के नीचे जीवन की मौजूदगी होने की भी संभावना है. दरअसल, नासा ने 17 एक्सोप्लानेट्स की खोज की है. एक्सोप्लानेट भी सूर्य जैसे तारे का चक्कर लगाने वाले ग्रह होते हैं. जिन एक्सोप्लानेट को नासा ने खोजा है उनकी बर्फीली सतह के नीचे जीवन के अनुकूल महासागर की भी मौजूदगी होने की संभावना है. बता दें कि दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां ब्रह्मांड के दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश कर रही हैं.

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नासा भी उनमें से एक है. वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ ग्रह भले ही बहुत ज्यादा ठंडे हों लेकिन उनकी बर्फीली सतह के नीचे जीवन होने की संभावना से इनकान नहीं किया जा सकता है. नासा का कहना है कि, 'इन महासागरों का पानी कभी-कभी बर्फ की परत के जरिए गीजर के रूप में सतह से बाहर निकलने लगता है. वैज्ञानिकों की टीम ने इन एक्सोप्लानेट पर गीजर गतिविधि की मात्रा की गणना की है. जिससे पहली बार ये अनुमान लगाया गया है. बता दें कि इन 17 एक्सोप्लैनेट्स की खोज नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर की डॉ लिने क्विक के नेतृत्व वाली टीम ने की है. उन्होंने इन एक्सोप्लानेट को लेकर एक शोध भी किया है. जिसमें इनके बारे में विस्तार से बताया गया है.

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किस चीज पर किया गया शोध?

नासा के वैज्ञानिकों की टीम ने अपने शोध में इस बात पर फोकस किया कि 'हैबिटेबल जोन' ( जहां जीवन की मौजूदगी की संभावना हो) के बजाय हमें ठंडे एक्सोप्लानेट्स पर जीवन ढूंढने के लिए काम करना चाहिए. इसमें कहा गया कि ठंडे ग्रहों की बर्फीली सतह के नीचे महासागरों की मौजूदगी हो सकती है. इनके इंटरनल हीटिंग मैकेनिज्म का इस्तेमाल कर रहे होंगे. वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे सौरमंडल में मौजूद यूरोपा और इंक्लेडस नाम के चंद्रमाओं पर भी ऐसा ही होता है.

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वैज्ञानिकों की टीम में शामिल डॉ. लिने क्विक का कहना है कि हमारे विश्लेषण के मुताबिक, इन 17 बर्फीली दुनियाओं में बर्फ से ढकी सतहें मौजूद होने की संभावना है. मगर इन ढकी सतहों के नीचे मौजूद महासागरों में पानी को जमने से बचाने के लिए इनके सूर्य से रेडियोएक्टिव तत्व और ज्वार बल की मदद मिलती होगी. जिनकी मदद से इनती इतनी हीटिंग मिल रही होगी, जो पानी को आसानी से जमने नहीं देती होगी. यही वजह है कि हीटिंग के चलते कई बार महासागरों का पानी सतह को चीरकर बाहर भी निकल रहा है.

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इन ग्रहों पर मौजूद हो सकता है जीवन?

वैज्ञानिकों ने जिन एक्सोप्लानेट्स की खोज की है उनकी बनावट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. हालांकि पानी की मौजूदगी की बात कही गई है जो इस बात की ओर संकेत देती है कि इन ग्रहों पर जीवन हो सकता है. इस बात की भी संभावना है कि इन ग्रहों पर अभी जीवन बैक्टीरिया और माइक्रोब्स के रूप में मौजूद हो. हालांकि, नासा ने अपनी स्टडी में इन ग्रहों पर जीवन की मौजूदगी के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दी है.