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'तबाही का देवता' बढ़ रहा पृथ्वी की ओर, इस बार बचे तो 2029 में नहीं बचेंगे

करीब 370 मीटर चौड़ा यह एस्‍टरॉइड कितना शक्तिशाली है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह अगर पृथ्‍वी से टकराता है तो 88 करोड़ टन टीएनटी के विस्‍फोट के बराबर असर होगा.

Updated on: 14 Feb 2021, 12:33 PM

highlights

  • करीब 370 मीटर चौड़ा यह एस्‍टरॉइड है बेहद शक्तिशाली
  • अगर टकराया तो लाखों परमाणु हमले जैसे होगा असर
  • यूनानी भाषा में इसे कहते हैं तबाही का देवता

नई दिल्ली:

अनंत ब्रह्मांड में फैली आकाशगंगा में करोड़ों एस्टेरॉयड तैर रहे हैं. इनमें से अधिकतर पृथ्वी (Earth) के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं औऱ हर बार आशंका पैदा हो जाती है कि कहीं कोई अगर पृथ्वी से टकरा गया तो पूरी की पूरी सृष्टि ही खत्म हो जाएगी. हालांकि इस बार जो एस्टेरॉयड धरती के करीब आ रहा है, उसकी खगौलीय नाम तो एपोफिस एस्टेरॉयड (Asteroid Apophis) है, लेकिन इसे खगोल विज्ञानियों ने तबाही का देवता कहना शुरू कर दिया है. इस एस्टेरॉयड की खोज 2004 में की गई थी. इसका आकार 3 फुटबॉल के मैदानों जितना बड़ा है. नासा के मुताबिक एपोफिस 1200 फीट चौड़ा है. वैज्ञानिकों को आशंका है कि यह एस्टेरॉयड धरती से टकरा भी सकता है. 

अगले महीने आएगा धरती के पास
'तबाही का देवता' करार दिया गया अपोफिस एस्टेरॉयड अगले महीने धरती के करीब से गुजरने जा रहा है. यह महाविनाशक एस्‍टरॉयड हमारे सौर मंडल में मौजूद सबसे खतरनाक चट्टानों में से एक माना गया है. हवाई विश्‍वविद्यालय के खगोलविदों ने कहा है कि यह एस्‍टरॉयड तेजी से गति पकड़ रहा है और अगले महीने यह पृथ्‍वी से टकरा सकता है. हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है, फिर से भी नासा के वैज्ञानिक इसके हर कदम पर नजर रख रहे हैं. करीब 370 मीटर चौड़ा यह एस्‍टरॉइड कितना शक्तिशाली है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह अगर पृथ्‍वी से टकराता है तो 88 करोड़ टन टीएनटी के विस्‍फोट के बराबर असर होगा.

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यूनानी भाषा में तबाही का देवता है एपोफिस
महाप्रलय लाने वाले इस एस्‍टरॉइड नाम एपोफिस है. यूनानी भाषा में इसका अर्थ होता है तबाही का देवता. एस्‍टरॉइड एपोफिस अगले महीने धरती से करीब 1 करोड़ 60 लाख लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा. इतनी दूरी से गुजरने के कारण इसका परिक्रमा पथ प्रभावित नहीं होगा. इसे टेलीस्‍कोप से आसानी से देखा जा सकेगा. यह विशालकाय चट्टान 2029 में पृथ्‍वी के इससे भी ज्‍यादा करीब से गुजरेगी. हवाई यूनिवर्सिटी के खगोलविद डेविड थोलेन ने कहा कि सुबारू टेलिस्‍कोप से मिले आंकड़ों के आधार पर खुलासा हुआ है कि एपोफिस बहुत तेजी से गति पकड़ रहा है. पता चला है कि भले ही इस बार पृथ्वी इससे बच जाए, लेकिन 2068 में पृथ्‍वी से यह टकरा सकता है. हालांकि इसकी संभावना 5 लाख में एक ही है. वैज्ञानिकों ने कहा कि अभी यह पृथ्‍वी से टकराएगा या नहीं इसका ठीक-ठीक पता 2029 में चल सकेगा. हालांकि अमेरिकन एस्‍ट्रोनॉमिकल सोसायटी की ओर से जारी बयान में चेतावनी दी गई है कि यह एस्‍टरॉयड धरती से टकरा सकता है. वैज्ञानिक इसकी हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं.

टेलिस्कोप प्रोजेक्ट करेगा सजीव प्रसारण
अंतरिक्ष के सबसे खतरनाक चट्टानों में शुमार एस्‍टरॉयड एपोफिस को अगले महीने पृथ्‍वी के करीब से गुजरते हुए लाइव देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक 6 मार्च को यह पृथ्‍वी के पास से गुजरेगा और वर्चुअल टेलिस्‍कोप प्रोजेक्‍ट पर 24 घंटे एस्‍टरॉयड एपोफिस के गुजरने का लाइव प्रसारण किया जाएगा. यह प्रसारण तब तक जारी रहेगा जब तक कि यह धरती के पास से गुजर नहीं जाता. वर्चुअल टेलिस्‍कोप प्रोजेक्‍ट ने एक बयान जारी करके कहा, 'अब तक का सबसे चर्चित और खतरनाक एस्‍टरॉयड एपोफिस 6 मार्च को धरती के करीब आएगा. हम इसके 2029 में धरती के सबसे करीब आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन 6 मार्च को इसके पृथ्‍वी के पास से गुजरने का लाइव प्रसारण करेंगे. आप इसे आसानी से अपने घर पर बैठकर देख सकते हैं.' एपोफिस एस्‍टरॉयड की खोज एरिजोना की वेधशाला ने 19 जून, 2004 को की थी, जिसके बाद से इस पर वैज्ञानिकों की नजर है.

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​पृथ्‍वी से टकराया तो महाप्रलय निश्चित
वैज्ञानिकों का कहना है कि 27 अरब किलोग्राम की यह चट्टान पृथ्‍वी से टकराई तो प्रलय निश्चित है. इससे एक मील चौड़ा और 518 मीटर गहरा गड्ढा धरती में बन सकता है. इसके टकराने पर 88 करोड़ टन टीएनटी के विस्‍फोट के बराबर असर होगा, जो हिरोश‍िमा पर गिराए गए परमाणु बम की तुलना में 65 हजार गुना ज्‍यादा भयानक असर होगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि 2029 में यह एस्‍टरॉयड अगर केवल ठीक-ठीक दूरी से गुजरता है तो पृथ्‍वी की गुरुत्‍वाकर्षण शक्ति इसका रास्‍ता बदल देगी और यह 2068 में वापस आएगा और 12 अप्रैल 2068 को पृथ्‍वी से टकरा सकता है. शोधकर्ताओं ने एपोफिस को इस साल सुबारू टेलिस्‍कोप के जरिए पता लगाया और विश्‍लेषण के बाद पाया कि इसने गति पकड़ ली है. इसमें पाया गया कि एस्‍टरॉयड सूर्य की रोशनी में गरम हो रहा है. खगोलविदों ने कहा कि इसके 2068 में टकराने की पूरी संभावना है. नासा ने इस एस्‍टरॉयड को तीसरा सबसे बड़ा खतरा करार दिया है.

​मूंगफली की तरह आकार ले रहा एपोफिस
एपोफिस एस्‍टरॉयड निकेल और लोहे से बना है तथा रेडॉर इमेज से पता चलता है कि यह लगातार लंबा हो रहा है. इसका आकार अब मूंगफली की तरह से होता जा रहा है. हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि अभी और ज्‍यादा व‍िश्‍लेषण की जरूरत है. वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह धरती से 2068 में टकराएगा या नहीं. इससे पहले के शोध में कहा जा रहा था कि इस एस्‍टरॉयड के टकराने की संभावना केवल 2.7 प्रतिशत ही है. हालांकि अब इस नई आशंका से वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है. तबाही का देवता एपोफिस फ्रांस के एफिल टावर से आकार में बड़ा है. नासा का सेंट्री सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है. इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे एस्टरॉयड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है. गौरतलब है कि 2013 में रूस के चेल्याबिंस्क में एक उल्का विस्फोट हुआ था. तब एक बड़े से एस्टरॉयड ने धरती की सतह पर गड्ढा बना दिया था. 1908 में, साइबेरिया के तुंगुस्का में भी एक उल्का टकराई थी.