मोक्षदायिनी एकादशी के दिन श्रीकृष्ण ने दिया था गीता ज्ञान
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि यह एकादशी बहुत ही पुण्य फलों वाली होती है. कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अराधना करने वालों को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था.
नई दिल्ली:
मोक्षदायिनी एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मोक्षदा एकादशी को पितरों को मोक्ष दिलाने वाली एकादशी के रूप में जानते हैं. मान्यता है कि व्रती के साथ पितरों के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं.
मोक्षदायिनी एकादशी शुक्रवार 25 दिसंबर को है. यह इस साल की आखिरी एकादशी होगी. हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. पुराणों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को भी मोक्षदायिनी एकादशी का महत्व समझाया था.
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि यह एकादशी बहुत ही पुण्य फलों वाली होती है. कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अराधना करने वालों को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. ऐसे में इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है.
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. हर माह दो एकादशी व्रत पड़ते हैं. एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में. मार्गशीर्ष मास मके शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहते हैं. मान्यता के अनुसार द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान दिया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग