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Janmashtami 2023: कृष्ण के किस स्वरूप की पूजा करें, जानें जन्माष्टमी पर कान्हा की मूर्ति पूजन के नियम

Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी के खास मौके पर जानिए कि आज आपको उनकी किस मूर्ति का पूजन करने से क्या लाभ मिलेगा.

Updated on: 06 Sep 2023, 12:18 PM

नई दिल्ली:

Janmashtami 2023 : हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की... आज विश्वभर में कन्हा के भक्त जन्माष्टमी का त्योहार मना रहे हैं. इस दिन लड्डू गोपाल की खासतौर पर पूजा की जाती है. आप भी अगर आज अपने घर में लड्डू गोपाल की स्थापना कर रहे हैं तो आपको बता दें कि कृष्ण भगवान की मूर्ति पूजन के कई नियम है. आप उनके किस स्वरूप की पूजा कर रहे हैं उससे आपको क्या लाभ होगा और उस मूर्ति पूजन के क्या नियम हैं इस बारे में हमारे शास्त्रों में बताया गया है. तो आइए आपको बताते हैं लड्डू गोपाल से लेकर बांसुरी धारी या राधा कृष्ण की एकसाथ किस मूर्ति का पूजन आपको करना चाहिए...

लड्डू गोपाल की मूर्ति पूजन का नियम 

हिंदू शास्त्रों के अनुसार अगर आप जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की स्थापना करते हैं तो इसे बेहद शुभ माना जाता है. बाल गोपाल की पूजा अगर बिल्कुल छोटे बच्चे की तरह की जाए तो कहते हैं इससे संतान सुख मिलता है. जिन दंपत्तियों के संतान नहीं हों उन्हें आज से ही लड्डू गोपाल की पूजा शुरु कर देनी चाहिए. एक बच्चे की तरह आप उन्हें समय पर स्नान करवाएं, नए वस्त्र पहनाएं, चंदन लगाएं, उनका श्रृंगार करें, भोग लगाएं और सुलाएं. ऐसा करने से आपके जीवन में संतान संबंधी कोई समस्या नहीं आती और जीवन से दुर्भाग्य दूर होता है और सौभाग्य बढ़ता है. 

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कृष्ण की गोवर्धन पर्वत उठाती मूर्ति के पूजन का नियम 

गृहस्थ जीवन में लोग इस मूर्ति का पूजन कम ही करते हैं लेकिन आपके जीवन में कोई बड़ी समस्या है या किसी तरह का भय है जो आपको परेशान कर रहा है तो उसे दूर करने के लिए आपको कृष्ण की गोवर्धन पर्वत उठायी हुई प्रतिमा का जन्माष्टमी के दिन पूजन करना चाहिए. ऐसा करना शुभ और फलदायी होता है. सही विधि-विधान से जब आप गोवर्धन पर्वत उठाए कृष्ण भगवान की पूजा करते हैं तो वो भी इसी तरह आपके सारे कष्टों को आपके जीवन से उठाकर दूर कर देते हैं. 

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बांसुरी वाले कृष्णा की मूर्ति पूजन के नियम 

मुरलीधर कहे जाने वाले कृष्ण की बांसुरी को बेहद शुभ माना जाता है. कहते है उनकी बासुंरी की धुन से जीवन में शांति आती है सुख महसूस होता है. ऐसे में अगर आप मुरली वाले कृष्णा का मूर्ति की जन्माष्टमी के दिन स्थापना करते हैं या उसकी पूजा करते हैं तो इससे आपके जीवन के सारे दुख दूर होते हैं. घर में कलह खत्म होती है, कर्ज़ा नहीं चढ़ता. मान्यताओं के अनुसार जन्माष्टमी के दिन कृष्ण भगवना को चांदी की बांसुरी भेंट करने से आर्थिक परेशानियां भी दूर होती हैं. 

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राधा-कृष्ण की एक साथ मूर्ति पूजन के नियम 

मंदिरों में आपने ज्यादातर राधारानी को भगवान श्रीकृष्ण के साथ विराजमान देखा होगा. राधा रानी के बिना कान्हा जी को अधूरा माना जाता है. कहते हैं इनकी एक साथ पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख आता है. शादी ये योग बनते हैं. जीवन में सुख, ऐश्वर्य और वैभव की वृद्धि होती है. तो किसी भी रिश्ते में आपकी विश्वास और प्रेम को बढ़ाने के लिए आज आप राधा-कृष्ण की एक साथ पूजा कर सकते हैं. 

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माखनचोर की मूर्ति पूजन के नियम 

घर में अन्न और धन के भंडार भरे रहें इस लिए जन्माष्टमी के दिन खासतौर पर कान्हा के माखनचोर स्वरूप की पूजा की जाती है. कहते हैं अगर आप चाहते हैं आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो. घर के कभी किसी चीज़ की कमी ना हो तो आज कृष्ण के माखनचोर स्वरूप की पूजा जरुर करें. 

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तो आप अगर अपनी मनोकामना के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर रहे हैं तो आप इन मूर्तियों का पूजन कर सकते हैं. अगर आप अपने घर में इन्हें ला रहे हैं तो नियम पूर्वक इन्हें विराजमान करें, सिर्फ जन्माष्टमी पर ही नहीं बल्कि इसके बाद भी नियमानुसार ही आप इनकी पूजा करें. 

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