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Importance of Ashtami: हिंदू धर्म में अष्टमी का विशेष है महत्व, विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

Importance of Ashtami: अष्टमी तिथि हिंदू धर्म में पवित्रता, भक्ति, और ध्यान का संगम होता है, जो आध्यात्मिक उत्थान का माध्यम बनता है. इस दिन के व्रत, पूजा, और ध्यान से भक्त उन्नति और शांति की प्राप्ति का अनुभव करते हैं.

Updated on: 16 Apr 2024, 12:36 PM

नई दिल्ली :

Importance of Ashtami: हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. यह तिथि आध्यात्मिकता, शक्ति और शुभता से जुड़ी हुई है. हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. यह तिथि आठवें दिन आती है और कई महत्वपूर्ण त्योहारों और अनुष्ठानों से जुड़ी हुई है. अष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है जो माता दुर्गा के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह दिन नवरात्रि के दुसरे चरण का हिस्सा होता है और मां दुर्गा के अष्टमी स्वरूप की पूजा की जाती है. अष्टमी का महत्व धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ जुड़ा हुआ है. इस दिन को माँ दुर्गा की शक्ति और प्राकृतिक सामर्थ्य की प्रतीक माना जाता है. भक्तों का माँ दुर्गा के प्रति भक्ति और आराधना में विशेष उत्साह होता है. इस दिन लोग मां दुर्गा के पूजन में विशेष ध्यान देते हैं और उन्हें विभिन्न रूपों में प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. पूजा और अर्चना के साथ-साथ, भक्तों ने संगीत और कीर्तन का आनंद लिया जाता है. जो लोग अष्टमी के दिन व्रत का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन की पूजा से भक्तों को माँ दुर्गा के आशीर्वाद और कृपा का अनुभव होता है. 

1. देवी-देवताओं की उपासना
कई महत्वपूर्ण देवी-देवताओं का जन्म या प्रकट होना अष्टमी तिथि को हुआ माना जाता है. नवरात्रि के दौरान, आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. भगवान कृष्ण का जन्म कृष्ण अष्टमी के दिन हुआ था. गणेश चतुर्थी के दौरान, चौथी और अष्टमी तिथि को भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है. शनि जयंती अष्टमी तिथि को ही मनाई जाती है.

2. पवित्र स्नान
अष्टमी तिथि को पवित्र स्नान करने का भी विशेष महत्व है. गंगा नदी में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है, खासकर अष्टमी तिथि को. अन्य पवित्र सरोवरों में स्नान करना भी शुभ माना जाता है.

3. दान-पुण्य
दान-पुण्य करना अष्टमी तिथि को विशेष रूप से शुभ माना जाता है. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन दान करना पुण्यकारी माना जाता है. वस्त्र दान करना भी शुभ माना जाता है. दान-पुण्य से पुण्य प्राप्त होता है और मन को शांति मिलती है. 

4. व्रत
कई महत्वपूर्ण व्रत अष्टमी तिथि को ही रखे जाते हैं. नवरात्रि के दौरान, अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी व्रत रखा जाता है. भगवान कृष्ण के जन्मदिन के उपलक्ष्य में कृष्ण अष्टमी व्रत रखा जाता है. गणेश चतुर्थी के दौरान, चौथी और अष्टमी तिथि को गणेश चतुर्थी व्रत रखा जाता है.

5. मंत्र जाप
अष्टमी तिथि को मंत्र जाप करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. नवरात्रि के दौरान, अष्टमी तिथि को दुर्गा सप्तशती का पाठ करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है. गणेश चतुर्थी के दौरान, चौथी और अष्टमी तिथि को गणेश मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है. 

हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि का अत्यंत महत्व है. यह तिथि आध्यात्मिकता, शक्ति, शुभता और दिव्यता से जुड़ी हुई है. अष्टमी तिथि पर किए गए धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य और मंत्र जाप अत्यंत फलदायी माने जाते हैं. यह दिन भक्तों के लिए पवित्र और आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम बनता है जो उन्हें धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से मजबूत बनाता है. अष्टमी का महत्व धार्मिक परंपरा में अत्यधिक माना जाता है और यह हिंदू समाज के लिए एक उत्सव का संकेत है जो समृद्धि, समाजिक एकता, और धार्मिक उत्थान की ओर ले जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)