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Lathmaar Holi 2024: क्या है नंदगांव की लट्ठमार होली का पूरा इतिहास, जानें इसका महत्व

Lathmaar Holi 2024: नंदगांव में लट्ठमार होली में महिलाएं पुरुषों को लाठियों से क्यों पीटती हैं - बरसाना और नंदगांव में मनाई जाने वाली मजेदार परंपरा के बारे में सब कुछ जानें.

Updated on: 18 Mar 2024, 12:18 PM

नई दिल्ली :

Lathmaar Holi 2024: नंदगांव में लट्ठमार होली एक अनोखी परंपरा है जो हर साल फाल्गुन महीने में मनाई जाती है. लट्ठमार होली की परंपरा 17वीं शताब्दी से चली आ रही है. यह माना जाता है कि यह परंपरा राधा और कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है. इस परंपरा में, नंदगांव की महिलाएं ब्रज के पुरुषों पर लाठी से प्रहार करती हैं. पुरुष ढाल से अपनी रक्षा करते हैं. यह परंपरा शक्ति और साहस का प्रतीक है. पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता का भी प्रतीक है. लट्ठमार होली के दौरान, नंदगांव और ब्रज के लोग रंगों, गीतों और नृत्य के साथ उत्सव मनाते हैं. महिलाएं पारंपरिक पोशाक पहनती हैं. ब्रज के पुरुष ढाल और लाठी से अपनी रक्षा करते हैं. लट्ठमार होली एक सुरक्षित त्योहार है. पुरुष और महिलाएं दोनों ही इस त्योहार का आनंद लेते हैं. लट्ठमार होली एक अनोखा और रोमांचक त्योहार है जो भारत की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है.

नंदगांव में मनाई जाने वाली लट्ठमार होली एक अनोखी परंपरा है जो होली के त्योहार को और भी रंगीन और रोमांचक बनाती है. यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. लट्ठमार होली की परंपरा का इतिहास भगवान कृष्ण और राधा की लीलाओं से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण अपनी प्रिय राधा और गोपियों के साथ नंदगांव में होली खेलते थे. इस दौरान वे गोपियों पर रंग डालते थे और गोपियां उनसे बचने के लिए लाठी से उनकी ढाल बनती थीं.

लट्ठमार होली का महत्व:

लट्ठमार होली स्त्री शक्ति का प्रतीक है. इस त्योहार में महिलाएं पुरुषों पर लाठी बरसाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती हैं. यह त्योहार लैंगिक समानता और पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता का भी प्रतीक है. लट्ठमार होली का उत्सव सुबह से शुरू होता है. महिलाएं रंगीन कपड़े पहनकर और लाठी लेकर इकट्ठा होती हैं. पुरुष ढाल और लाठी लेकर महिलाओं से बचने की कोशिश करते हैं. महिलाएं पुरुषों पर लाठी बरसाती हैं और पुरुष रंगों से बचाव करते हैं.

लट्ठमार होली के नियम: लट्ठमार होली के कुछ नियम भी हैं. महिलाएं केवल लाठी से ही पुरुषों पर प्रहार कर सकती हैं और पत्थर या अन्य हथियारों का उपयोग नहीं कर सकती हैं. पुरुष भी महिलाओं पर लाठी से प्रहार नहीं कर सकते हैं. लट्ठमार होली एक अनोखा और रोमांचक त्योहार है जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह त्योहार स्त्री शक्ति, लैंगिक समानता और पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता का प्रतीक है. 

2024 में लट्ठमार होली 18 मार्च को मनायी जा रही है. यह त्योहार नंदगांव के साथ-साथ भारत के अन्य कई स्थानों पर भी मनाया जाएगा. आप अगर लट्ठमार होली का अनुभव करना चाहते हैं, तो आप नंदगांव या अन्य स्थानों पर आयोजित इस त्योहार में भाग ले सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)