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Baba Neem Karoli: जीवन में चाहते हैं खुशहाली, तो गांठ बांध लें बाबा नीम करोली की ये 3 बातें

Baba Neem Karoli: बाबा नीम करोली की शिक्षाओं का पालन करने से जीवन में कई लाभ प्राप्त होते हैं. इन लाभों में खुशहाली, आत्म-साक्षात्कार, जीवन का सही अर्थ, आत्मिक शांति और आनंद शामिल हैं.

Updated on: 30 Mar 2024, 11:02 AM

नई दिल्ली :

Baba Neem Karoli: बाबा नीम करोली 20वीं सदी के एक महान संत थे. उन्हें "हनुमान जी का अवतार" भी माना जाता है. बाबा नीम करोली जन्म 28 जून 1903, अकबरपुर, फ़िरोज़ाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ और 11 सितंबर 1973 को वृन्दावन, उत्तर प्रदेश में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनका पूरा नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. प्रारंभिक शिक्षा किरहीनं गांव में प्राप्त करने के बाद 17 साल की उम्र में उन्हें ऐसा ज्ञान प्राप्त हुआ कि उन्होंने गृह त्याग कर दिया और गुजरात में एक वैष्णव मठ में दीक्षा लेकर साधना करने लगे. गंजम में मां तारा तारिणी शक्ति पीठ की यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों ने उन्हें हनुमानजी, चमत्कारी बाबा के नाम से संबोधित किया करते थे. बाबा नीम करोली के कई चमत्कारों के बारे में लोग बात करते हैं. उन्होंने कई लोगों को बीमारियों से मुक्ति दिलाई, गरीबों की मदद की, और लोगों को जीवन में सही मार्ग दिखाया. बाबा नीम करोली के कई भक्त थे, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध भक्त हैं स्टीव जॉब्स जो Apple के संस्थापक है, मार्क जुकरबर्ग ये Facebook के संस्थापक हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स और Google के लैरी पेज और eBay के सह-संस्थापक जेफरी स्कोल.

बाबा नीम करोली की 3 बड़ी सीख:

1. प्रेम: बाबा नीम करोली ने प्रेम को जीवन का आधार माना. उन्होंने कहा कि बिना प्रेम के जीवन अधूरा है. प्रेम केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी प्राणियों के लिए आवश्यक है. प्रेम से जीवन में खुशी और आनंद आता है. एक व्यक्ति जो दूसरों से प्रेम करता है, वह हमेशा खुश और संतुष्ट रहता है. प्रेम करने वाला व्यक्ति दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है और प्रेम से ही जीवन में सकारात्मकता और आशावाद आता है.

2. करुणा: बाबा नीम करोली ने करुणा को जीवन का सार माना. उन्होंने कहा कि करुणा से ही हम दूसरों के दुखों को समझ सकते हैं और उनका दुख दूर कर सकते हैं. करुणा से जीवन में दूसरों के प्रति सहानुभूति और दया का भाव पैदा होता है. जो दूसरों के प्रति करुणामय होता है, वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है. करुणा से जीवन में सद्भाव और भाईचारा बढ़ता है. इससे जीवन में नकारात्मकता और घृणा कम होती है.

3. भक्ति: बाबा नीम करोली ने भक्ति को जीवन का मार्ग माना. उन्होंने कहा कि भक्ति से ही हम ईश्वर का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं. भक्ति से जीवन में ईश्वर के प्रति समर्पण और विश्वास बढ़ता है. जो ईश्वर की भक्ति करता है, वह हमेशा ईश्वर के आशीर्वाद से जीवन में सफलता प्राप्त करता है. भक्ति से जीवन में आत्म-संयम और अनुशासन बढ़ता है और इससे आत्मिक शांति और आनंद प्राप्त होता है. 

बाबा नीम करोली का समाधि स्थल उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में स्थित है. हर साल लाखों लोग उनके समाधि स्थल पर दर्शन करने जाते हैं. उनकी शिक्षाएं और चमत्कार लोगों को प्रेरित करने और उन्हें सही मार्ग दिखाने के लिए थीं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)