Famous Gurudwaras in India: ये हैं भारत के सबसे मशहूर गुरुद्वारे, सदियों पुराना है इनका इतिहास
Famous Gurudwaras in India: भारत का इतिहास इतना खूबसूरत है कि सदियों बाद भी इसे याद किया जाता है. खासकर गुरु पूर्णिमा के दिन आपको गुरुओं के इतिहास से जुड़ी ऐसी प्रसिद्ध जगहों के बारे में बताते हैं जो सैंकड़ों साल पुरानी हैं.
नई दिल्ली:
Famous Gurudwaras in India: सदियों पुराने इतिहास से जुड़े भारत गुरुद्वारे विश्वभर में मशहूर हैं. गुरपुरब आने वाला है तो हम आपको इस खास अवसर पर भारत के प्रसिद्ध गुरुद्वारों के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं. अगर आप भारत में हैं तो एक बार इन्हे घूमने जरूर जाएं. यहां आपको गुरु का आशीर्वाद तो मिलेगा ही साथ ही यहां के नज़ारे देख आपकी यात्रा और भी खूबसूरत हो जाएगी. इन जगहों पर जिस तरह की शांति मिलती है वो आपको और दूसरी किसी जगह पर नहीं मिलेगी.
गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब या गोल्डन टेंपल
पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल के नाम से मशहूर इस गुरुद्वारे की नींव 1855 में गुरु अर्जन ने रखी थी और 1604 में यहां आदि ग्रंथ रखा गया. 19वीं शताब्दी में महाराजा रंजीत सिंह ने इस गुरुद्वारे पर सोने की परत चढ़ाई ताकि ये कभी खराब ना हो. इस गुरुद्वारे में 4 फ्लोर हैं जिनके बारे में ये कहा जाता है कि ये इस बात का प्रतीक हैं कि यहां हर धर्म के लोगों का स्वागत किया जाता है. गोल्डन टेंपल को स्वर्ण मंदिर और गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब भी कहा जाता है.
गुरुद्वारा बंगला साहिब
भारत की राजधानी दिल्ली में गुरुद्वारा बंगला साहिब है जहां हर साल लाखों श्रद्धालू देश-विदेश से माथा टेकने आते हैं. ये गुरुद्वारा एक समय में जयपुर के महाराजा जयसिंह का बंगला हुआ हुआ करता था. कहा जाता है कि सिखों के आठवें गुरु, गुरु हर किशन 17वीं 18वीं शताब्दी में दिल्ली आए उस समय चेचक नाम की महामारी से लोगों में हाहाकार मचा हुआ था तब गुरु के आशीर्वाद से उन्हें इस बंगले का जल पिलाया गया जिससे ये बिमारी ठीक होने लगी. तब से अब तक दूर-दूर से लोग ये अमृत रूपी जल चखने आते हैं. मान्यता है कि इस जल को ग्रहण करने से उनके जीवन का हर दर्द दूर हो जाता है.
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब की बहुत मान्यता है. ये गुरुद्वारा 7 पहाड़ों के बीच में बना है जहां बर्फीली झील भी है. सिखों का पवित्र तीर्थ धाम श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के बारे में मान्यता है कि यहां श्री गुरु गोबिंद सिंह जो सिखों के 10वें और आखिरी गुरु थे उन्होंने पिछले जीवन में ध्यान साधना की थी और इस तरह उन्हेंने वर्तमान में जीवन लिया.
गुरुद्वारा श्री मट्टन साहिब
गुरु नानक देव जी के थड़े के रूप में प्रसिद्ध गुरुद्वारा मट्टन साहिब सिखों का पावन तीर्थ स्थल है. ये गुरुद्वारा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है. कुछ लोग गुरुद्वारा मट्टन को गुरुद्वारा गुरु नानक साहिब भी कहते हैं. इस गुरुद्वारे के इतिहास के बारे में बात करें तो एक बार पंडित ब्रह्म दास को आता देख श्री गुरु नानक साहिब ने उसके अंदर की व्यथा को समझ लिया और उससे बात करने लगे. पंडित ब्रह्म दास खुद को बहुत विद्वान समझता था लेकिन जैसे ही उसने श्री गुरु नानक साहिब की बातें सुनीं वो उनके चरणों में आ गिरा. तभी से मान्यता है कि इस गुरुद्वारे में जो भी भटका हुआ आता है बाबा उसके सही मार्ग दिखाते हैं.
तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा
तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा ना सिर्फ भारत बल्कि पाकिस्तान में भी बहुत मशहूर है. इसे सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक माना जाता है. कहते हैं कि इसी गुरुद्वारे में गुरु गोबिंद सिंह जी का बचपन बिता है. उन्होंने यहीं जन्म लिया और गुरु नानक देव के साथ ही गुरु तेग बहादुर सिंह की कई पवित्र यात्राएं भी यहीं से होकर आगे बढ़ीं. इस गुरुद्वारे में सिर्फ सिख ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग आते हैं और सालभर यहां श्रद्धालूओं का तांता लगा रहता है.
अगर आप भारत के इतिहास को और करीब से समझना चाहते हैं या फिर आपको धर्म के प्रति बहुत आस्था है तो आपको ऐसी जगह घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
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