logo-image

Smartphone Effects on Relationship: दूर वालों से जोड़ता है, करीब वालों से तोड़ता है, स्मार्टफोन का रिश्तों पर प्रभाव

Smart Phone Effects in Relationship: स्मार्टफोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. इसका इस्तेमाल हर चीज के लिए होता है, फिर चाहे वह जानकारी प्राप्त करना हो, दोस्तों और परिवार से जुड़ना हो या मनोरंजन करना हो.

Updated on: 01 Apr 2024, 01:50 PM

नई दिल्ली:

Smart Phone Effects in Relationship: स्मार्टफोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. इसका इस्तेमाल हर चीज के लिए होता है, फिर चाहे वह जानकारी प्राप्त करना हो, दोस्तों और परिवार से जुड़ना हो या मनोरंजन करना हो. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिश्तों पर इसका काफी असर पड़ रहा है? यह आधुनिक टेक्नोलॉजी हमें तुरंत और आसानी से अपने प्रियजनों से जुड़ने की सुविधा प्रदान करती है, लेकिन इसके साथ ही दूसरी ओर यह रिश्तों को दूरी और असमंबद्धता की दिशा में भी ले जा सकता है. अब लोग अक्सर अपने स्मार्टफोन में खोए रहते हैं, जिससे उनके बीच संवाद और समय की कमी होती है. इससे पारिवारिक बंधनों में गर्मजोशी और समर्थन कम हो जाता है, जो रिश्तों को कमजोर बना सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं कि आज के रिश्तों में स्मार्टफोन का क्या प्रभाव है?

बढ़ती दूरी:

आमने-सामने की बातचीत कम होना: पहले शाम को परिवार के लोग साथ बैठकर बातें किया करते थे. लेकिन अब हर किसी के हाथ में फोन होता है, जिससे आमने-सामने की बातचीत कम हो गई है. रिश्तों में गर्मजोशी कम हो रही है और लोग एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं.

प्रेम संबंधों में कमी: कपल्स भी साथ में बैठकर बातचीत करने की बजाय फोन पर व्यस्त रहते हैं. इससे आपसी समझ कम होती है और रिश्तों में दरार आने लगती है.

ध्यान भटकाना: साथ के समय भी फोन पर व्यस्त रहना: आप किसी रेस्टोरेंट में खाना खा रहे हों या दोस्त के साथ घूम रहे हों, हर कोई फोन पर व्यस्त रहता है. इससे सामने वाले को अहमियत नहीं दी जाती और रिश्ते कमजोर होते हैं.

भरोसे की कमी: संदेह और गलतफहमी: पार्टनर के फोन को चेक करना या सोशल मीडिया पर उनकी गतिविधियों पर नजर रखना अब आम बात हो गई है. इससे रिश्तों में भरोसा कम होता है और अक्सर गलतफहमी पैदा हो जाती है. 

असमानता की भावना: सोशल मीडिया की फेक दुनिया: सोशल मीडिया पर लोग अपनी खुबसूरत जिंदगी की झलकियाँ दिखाते हैं, जिसे देखकर दूसरा व्यक्ति अपने रिश्ते की तुलना करने लगता है. इससे मन में असंतोष और ईर्ष्या की भावना पैदा होती है. 

सकारात्मक पहलु  (हालांकि कम हैं):

रिश्तों को जोड़ना: स्मार्टफोन से दूर के रिश्तों को जोड़ने में मदद मिलती है. वीडियो कॉलिंग और मैसेजिंग की सुविधा से आप दुनिया में कहीं भी रहने वाले अपने प्रियजनों से जुड़े रह सकते हैं.

सूचना का आदान-प्रदान: रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए सूचना का आदान-प्रदान जरूरी है. स्मार्टफोन से आप अपने पार्टनर या परिवार के लोगों को जरूरी जानकारी तुरंत शेयर कर सकते हैं.

हालांकि स्मार्टफोन टेक्नोलॉजी का एक वरदान है, लेकिन इसका इस्तेमाल संतुलित तरीके से करना चाहिए. रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि आप एक-दूसरे को समय दें, आमने-सामने बातचीत करें और स्नेह प्रदर्शित करें.

यह भी पढ़ें: How to Spend Last day of life: अगर आज आपके जीवन का आखिरी दिन हो तो क्या करें?