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'पिछले दस सालों में जो हुआ वो सिर्फ ट्रेलर, अभी देश को बहुत आगे...', RBI के कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

RBI Foundation Day: आज (1 अप्रैल 2024) को भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना को 90 साल पूरे हो गए. इस मौके पर आरबीआई ने मुंबई में एक कार्यक्रम का आयोजन किया.

Updated on: 01 Apr 2024, 02:42 PM

नई दिल्ली:

RBI Foundation Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मुंबई में आयोजित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 90वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फरणवीस, अजीत पवार और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे. इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि, "आज भारत का रिजर्व बैंक एक ऐतिहासिक पढ़ाव पर पहुंचा है. आरबीआई ने अपने 90 साल पूरे किए हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि, "एक संस्थान के रूप में आरबीआई आजादी से पहले और आजादी के बाद दोनों ही कालखंड का गवाह है, आज पूरी दुनिया में आरबीआई की पहचान उसके प्रोफेशनलिज्म और कमिटमेंट की वजह से बनी है." इस दौरान पीएम मोदी ने आरबीआई के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को स्थापना दिवस की बधाई भी दी. पीएम मोदी ने आगे कहा कि, इस समय जो लोग आरबीआई से जुड़े हैं उन्हें मैं बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं.

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पीएम मोदी ने कहा कि आज आप जो नीतियां बनाएंगे, जो काम करेंगे उनसे आरबीआई के अगले दशक की दिशा तय होगी. ये दशक इस संस्थान के उसके शताब्दी वर्ष तक ले जाने वाला दशक है. ये दशक विकसित भारत की संकल्प यात्रा के लिए भी उतना ही अहम है. पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी अपने फील्ड के एक्सपर्ट हैं आप जानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था, हमारी जीडीपी काफी हद तक मॉनिटरी और फिजिकल पॉलिसीज के कॉर्डिनेशन पर निर्भर करती है.

पीएम मोदी ने कहा कि आरबीआई की स्थापना के 80वें वर्ष में हालात एकदम अलग थे. भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था. एनपीए को लेकर भारत के बैंकिंग सिस्टम के स्टेबिलिटी और उसके भविष्य को लेकर हर कोई आशंका से भरा हुआ था. हालात इतनी खराब थी कि पब्लिक सेक्टर बैंक देश की आर्थिक प्रगति को जरूरी गति नहीं दे पा रहे थे. हम सभी ने वहां से शुरुआत की और आज भारत के बैंकिंग सिस्टम को दुनिया में एक स्ट्रॉगं और सस्टेनेबल सिस्टम माना जा रहा है.  जो बैंकिंग सिस्टम कभी डूबने के कगार पर था वो बैंकिंग सिस्टम अब प्रोफिट में आ गया है और क्रेडिट में रिकॉर्ड वृद्धि दिखा रहा है.

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पीएम मोदी ने कहा कि दस वर्ष में इतना बड़ा परिवर्तन आना आसान नहीं था. ये बदलाव इसलिए आया क्योंकि हमारी नीति, नीयत और निर्णय में स्पस्ठता थी. ये बदलाव इसलिए आया क्योंकि हमारे प्रयासों में दृढता थी, ईमानदारी थी. आज देश देख रहा है जब नीयत सही होती है तो नीति सही होती है. जब नीति सही होती है तो निर्णय सही होते हैं. और जब निर्णय सही होते हैं तो नतीजे सही मिलते हैं. यानी नीयत सही तो नतीजे सही.

पीएम मोदी ने कहा कि बीते दस वर्षों में हमने सेंट्रल बैंक, बैंकिंग सिस्टम और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के बीच इस कनेक्ट को हाईलाइट किया है. गरीबों का फाइनेंशियल इनक्लूजन इसका एक बड़ा उदाहरण है. आज देश में 52 करोड़ जनधन खाते हैं. इनमें भी 55 प्रतिशत से ज्यादा खाते महिलाओं के नाम पर हैं.

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इसी फाइनेंशियल इनक्लूजन का प्रभाव कृषि और मछली पालन जैसे सेक्टर में भी देख सकते हैं. सात करोड़ से ज्यादा किसान और मछली पालकों के पास किसान क्रेडिट कार्ड्स हैं इनसे हमारी रूरल इकोनोमी को बहुत बड़ा पुश मिला है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दस सालों में जो हुआ वो तो अभी ट्रेलर है. अभी तो बहुत कुछ करना है. अभी तो हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है.