CBI चीफ की दौड़ में अस्थाना, बेहुरा सहित ये चेहरे, सोमवार शाम को होगी बैठक
नए सीबीआई प्रमुख पर चर्चा के लिए सोमवार शाम को प्रधानमंत्री के आवास पर एक बैठक होनी है. कुछ समय पहले सीबीआई को आर.के. शुक्ला के तीन फरवरी को कार्यकाल समाप्ति के बाद प्रवीण सिन्हा के रूप में एक कार्यवाहक निदेशक मिला था.
highlights
- CBI चीफ की दौड़ में शामिल हैं ये चेहरे
- अस्थाना, मोदी और बेहुरा हैं रेस में
- सोमवार की शाम को होगी बैठक
नयी दिल्ली:
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नए निदेशक का चयन करने के लिए सोमवार शाम को एक उच्च समिति की बैठक होगी. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. घटनाक्रम से जुड़े एक शीर्ष सूत्र ने मीडिया को बताया, नए सीबीआई प्रमुख पर चर्चा के लिए सोमवार शाम को प्रधानमंत्री के आवास पर एक बैठक होनी है. कुछ समय पहले सीबीआई को आर.के. शुक्ला के तीन फरवरी को कार्यकाल समाप्ति के बाद प्रवीण सिन्हा के रूप में एक कार्यवाहक निदेशक मिला था. सूत्रों के मुताबिक, 1985 और 1986 बैच के कई अधिकारी शीर्ष पद की दौड़ में हैं, जिनमें वाई.सी. मोदी शामिल हैं, जो वर्तमान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख हैं. इसके अलावा दौड़ में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हितेश चंद्र अवस्थी भी हैं.
एक सूत्र ने कहा कि राकेश अस्थाना, जो वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल के डीजी हैं और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) में डीजी के अतिरिक्त प्रभार जैसे कई प्रमुख पदों पर हैं, भी शीर्ष पद की दौड़ में हैं. अस्थाना के अलावा, उत्तराखंड कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक के रूप में कार्यरत एम.ए. गणपति भी सीबीआई प्रमुख की नौकरी की दौड़ में हैं.
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इसके अलावा, केरल कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी केरल पुलिस के डीजीपी लोकनाथ बेहुरा का भी नाम सीबीआई में शीर्ष पद की दौड़ में बताया जा रहा है. बेहुरा पहले सीबीआई में थे और उन्होंने पुरुलिया हथियार मामले और मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले जैसे कई संवेदनशील मामलों की जांच की थी. वह 2009 में एनआईए के संस्थापक सदस्यों में से एक थे.
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कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा सीबीआई निदेशक पद के लिए कम से कम तीन या चार अधिकारियों के नाम चुनने के बाद, उन्हें प्रधानमंत्री, भारत के प्रधान न्यायाधीश और लोकसबा में विपक्ष के नेता की चयन समिति के पास भेजा जाएगा, जो दो साल की निश्चित अवधि के लिए अंतिम चयन तय करेगी. इस समय कांग्रेस लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. 2004 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देर्शो के अनुसार, आईपीएस के चार सबसे पुराने सेवारत बैचों के अधिकारी शीर्ष पद के लिए दावेदारी में होंगे.
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