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सुप्रीम कोर्ट ने रक्षाबंधन में भाई-बहन को मिलाया, इस वजह से रह रहे थे अलग

सुप्रीम कोर्ट ने रक्षाबंधन के मौके पर एक बेहतरीन फैसला सुनाया है। मां-बाप के बीच झगड़े के चलते अलग रह रहे भाई-बहन को रक्षाबंधन पर मिलने की इजाजत कोर्ट ने दी है।

Updated on: 25 Aug 2018, 02:52 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने रक्षाबंधन के मौके पर एक बेहतरीन फैसला सुनाया है। मां-बाप के बीच झगड़े के चलते अलग रह रहे भाई-बहन को रक्षाबंधन पर मिलने की इजाजत कोर्ट ने दी है। नैनीताल के स्कूल में पढ़ रहे भाई-बहन एक साथ रक्षाबंधन मनाएंगे। दरअसल, दिल्ली के एक दंपति के बीच लड़ाई होने के बाद कोर्ट ने बच्चों की कस्टडी किसी को नहीं दी। पिछले साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल की ज़िला अदालत के एक जज को बच्चों का इनचार्ज बना दिया और दोनों को नैनीताल के स्कूल में भेज दिया।

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हाल ही में बच्चे के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी कि बच्चों को रक्षाबंधन पर मिलने दिया। जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसकी मंजूरी दे दी। पीठ ने माना की भाई-बहन को कुछ वक्त साथ बिताना चाहिए। उनके माता-पिता के बीच संबंधों की कड़वाहट का असर बच्चों पर नहीं पड़ना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल के जिला अदालत के जज से इस बारे में जानकारी मांगी की रक्षाबंधन में बच्चे दिल्ली आना चाहते हैं और अगर आएंगे तो कहां रहना चाहेंगे। मम्मी के साथ या पापा के साथ।
जिसके बाद जज ने बच्चे से पूछकर सुप्रीम कोर्ट को उनके फैसले से अवगत कराया। बच्चे रक्षाबंधन में मिलना चाहते हैं और पापा के साथ रहने की बात कही। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी देते हुए कहा कि छुट्टी के बाद दोनों को स्कूल पहुंचा दिया जाए।

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