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रामजस विवाद में कूदे वित्त मंत्री अरुण जेटली, बोले- 'राष्‍ट्रवाद' अच्‍छा शब्‍द है, ये तो केवल इस देश में है जहां राष्‍ट्रवाद बुरा शब्‍द है

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने पूछा, क़ानूनी दायरा की परिभाषा क्या है?

Updated on: 02 Mar 2017, 05:05 PM

नई दिल्ली:

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी की छात्रा गुरमेहर कौर के सोशल मीडिया कैम्पेन के बाद 'राष्‍ट्रवाद' पर शुरू हुई बहस में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली भी अब शामिल हो गए हैं। गुरुवार को दिल्‍ली में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान जेटली ने कहा कि 'राष्‍ट्रवाद' अच्‍छा शब्‍द है, ये तो केवल इस देश में है जहां राष्‍ट्रवाद बुरा शब्‍द है।'

इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने इसी मुद्दे को लेकर कहा, 'अभिव्यक्ति की आजादी की भी एक सीमा होती है। मैं कानून के दायरे में रहकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास रखता हूं। आप किसी अन्य व्यक्ति के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते।'

वहीं सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने मनोहर पार्रिकर से सवाल पूछते हुए कहा कि रक्षा मंत्री के शब्दों में क़ानूनी दायरा की परिभाषा क्या है? जो उन्होंने सेट किया है या फिर जो संविधान ने निर्धारित किया है?

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जेटली और पर्रिकर पहले मंत्री नहीं है जिन्होंने इस मुद्दे को लेकर अपना बयान दिया है। इससे पहले हरियाणा के मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि जो लोग गुरमेहर कौर का समर्थन कर रहे हैं वह प्रो पाकिस्तानी (पाकिस्तान समर्थक) हैं।

गौरतलब है कि दोनों छात्र संगठनों के बीच ये विवाद तब शुरू हुआ था जब 21 फरवरी को AISA के कार्यकर्ताओं ने रामजस में एक संगोष्ठी आयोजित की थी। संगोष्ठी में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को आमंत्रित किया था जिसका एबीवीपी विरोध कर रही थी।

इसी विरोध के चलते दोनों छात्र संगठन के बीच झड़प शुरू हो गई थी। जेएनयू छात्र उमर खालिद पर देश विरोध नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का केस चल रहा है।
एबीवीपी ने आरोप लगाया था कि कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगाए जा रहे थे जिसका विरोध करने पर AISA के कार्यकर्ताओं ने मारपीट शुरू कर दी।

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आरोप है कि घटना के अगले दिन 22 फरवरी को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने रामजस कॉलेज के बाहर एक विरोध मार्च निकाला और इस दौरान विरोधी गुट के छात्रों, शिक्षकों और पत्रकारों पर कथित तौर पर हमला किया।

इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया, जब रामजस कॉलेज में हुए हिंसक झड़प के बाद लेडी श्री राम कॉलेज और करगिल में शहीद कैप्टन मंदीप की बेटी ने एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया।

गुरमेहर ने अपने फेसबुक पोस्ट में एक तख्ती में लिखा की वो एबीवीपी से नहीं डरती और इसमें पूरा देश उसके साथ खड़ा है। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के साथ ही राजनीतिक दलों के नेता से लेकर फिल्मी सितारे और क्रिकेटर तक इस विवाद में कूद पड़े और कोई गुरमेहर के समर्थन में आ गया तो किसी ने गुरमेहर के पोस्ट के खिलाफ उनपर हमला भी किया।

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इस मामले में एबीवीपी पर ये आरोप भी लगा कि उसके कार्यकर्ता गुरमेहर को रेप की धमकी दे रहे हैं जिसके बाद एबीवीपी ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर धमकी देने वाले को गिरफ्तार करने की मांग की थी।