राष्ट्रपति चुनाव 2017: जानें, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का राजनीतिक सफर
2007 में कांग्रेस ने सभी को चौंकाते हुए प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया तो, इसे कांग्रेस का 'महिला कार्ड' कहकर प्रचारित किया गया।
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति चुनाव 2017 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ से रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाए जाने के साथ बीजेपी ने उन्हें 'दलित उम्मीदवार' कह कर प्रचारित किया। दलित कार्ड के जवाब में कांग्रेस की नेतृत्व वाली विपक्षी दलों ने 'दलित महिला कार्ड' पर दांव लगाया और मीरा कुमार को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है।
यह पहली बार नहीं है जब एक खास वोटबैंक का ख्याल रखकर राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया हो। 2007 में कांग्रेस ने सभी को चौंकाते हुए प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया तो, इसे कांग्रेस का 'महिला कार्ड' कहकर प्रचारित किया गया।
25 जुलाई 2007 को प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। वह एक टर्म यानि पांच साल राष्ट्रपति रहीं।
राष्ट्रपति से पहले कांग्रेस की सरकार ने पाटिल को 2004 में राजस्थान का राज्यपाल बनाया था। वह 2007 तक राज्यपाल रहीं।
महाराष्ट्र के जलगांव में अमीर और राजनीतिक परिवार में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का जन्म हुआ। पूर्व राष्ट्रपति के पिता का नाम नारायणराव पाटिल था।
पाटिल का राजनीतिक सफर
भले ही राष्ट्रपति बनने के बाद पाटिल राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आई हों, लेकिन उनका लंबा राजनीतिक सफर रहा है। वह मात्र 27 साल की उम्र में कांग्रेस के टिकट पर 1962 में जलगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं और महाराष्ट्र विधानसभा में चुन कर आईं।
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उसके बाद वह चार बार विधायक बनीं और इस दौरान वह कई विभागों में मंत्री रहीं। पाटिल 1985 से 1990 तक राज्यसभा सदस्य रही हैं। उसके बाद 1991 में 10वीं लोकसभा चुनाव में अमरावती से सांसद बनीं।
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को कांग्रेस परिवार के वफादारों में गिना जाता है।
पाटिल ने कारोबार में भी आजमाया था हाथ
प्रतिभा पाटिल ने कारोबार में भी हाथ आजमाया। अमरावती, जलगांव, पुणे और मुंबई में कई स्कूल और कॉलेज उनका था। उनके परिवार का जलगांव में ग्रामीण छात्रों के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज और मुकतैनगर में एक को-ऑपरेटिव चीनी फैक्ट्री था।
इसके अलावा प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने प्रतिभा सहकारी महिला बैंक भी शुरू किया था, जिसका कामकाज रिजर्व बैंक द्वारा फरवरी 2003 में लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद बंद हो गया।
पढ़ाई में थीं अव्वल
प्रतिभा पाटिल ने जलगांव के मूलजी जेठा कालेज से स्नातकोत्तर (एम ए) और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढा़ई की।
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