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Sela Tunnel Project: चीन को पटखनी देगी PM मोदी की सेला सुरंग, जानिए इसकी खासियतें

Sela tunnel in Arunachal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश की एक दिवसीय यात्रा के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेला सुरंग परियोजना का उद्घाटन किया.

Updated on: 09 Mar 2024, 12:26 PM

नई दिल्ली :

Sela tunnel in Arunachal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश की एक दिवसीय यात्रा के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेला सुरंग परियोजना ( Sela Tunnel) का उद्घाटन किया. कुल 825 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुई यह सुरंग परियोजना, तेजपुर से तवांग को जोड़ने वाली सड़क पर पश्चिम कामेंग जिले में 13,700 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है. इस परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी ने फरवरी 2019 में रखी थी. सीमा सड़क संगठन (Border Road Organisation) द्वारा तैयार की गई सेला परियोजना में दो सुरंगें और एक लिंक रोड शामिल है.

बता दें कि, सेला में पहली सुरंग 980 मीटर लंबी सिंगल-ट्यूब होगी, जबकि दूसरी 1,555 मीटर लंबी होगी जिसमें यातायात और एक आपातकालीन सेवाओं के लिए बाय-लेन ट्यूब बनाया गया है. वहीं दोनों सुरंगों के बीच मौजूद लिंक रोड 1,200 मीटर लंबा होगा.

1962 में चीन ने तवांग पर किया था कब्जा

ये सुरंग तवांग क्षेत्र के लिए भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, जिसका चीन लंबे समय से विरोध कर रहा है और इसे प्राचीन क्षेत्र का हिस्सा बताता है. सेला सुरंग हर मौसम में तवांग क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.  बता दें कि, सेला दर्रा कुछ सर्दियों के महीनों के लिए बंद रहता है. 1962 में, चीनी सैनिक इस क्षेत्र में भारतीय सेना के साथ भिड़ गए थे और 24 अक्टूबर को तवांग शहर पर अपना कब्ज़ा जमा लिया था. 

गौरतलब है कि, यह सुरंग चीन-भारत सीमा के साथ आगे के क्षेत्रों में सैनिकों, हथियारों और मशीनरी की तेजी से तैनाती करके एलएसी पर भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी.

बता दें कि, इस परियोजना की पीएम नींव मोदी ने फरवरी 2019 में रखी थी, जिसकी लागत 697 करोड़ रुपये आंकी गई थी, हालांकि COVID-19 महामारी सहित तमाम अन्य कारणों से इस तैयार होने में काफी ज्यादा वक्त लग गया.