करतारपुर कॉरिडोर के बाद महबूबा मुफ्ती ने PoK में शारदा पीठ के लिए पीएम मोदी को लिखा पत्र
महबूबा ने अपने पत्र में लिखा है कि पीओके में स्थित शारदा पीठ कश्मीर के शानदार इतिहास का एक उत्कृष्ठ स्मृति चिह्न है और यह लोगों को उनके सांस्कृतिक और बौद्धिक जड़ों को जोड़ता है.
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित शारदा पीठ के लिए रास्ता खोलने का आग्रह किया है. शारदा पीठ पीओके के शारदा गांव में स्थित एक प्राचीन हिदू मंदिर है. महबूबा ने अपने पत्र में लिखा है कि पीओके में स्थित शारदा पीठ कश्मीर के शानदार इतिहास का एक उत्कृष्ठ स्मृति चिह्न है. पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि यह लोगों को उनके सांस्कृतिक और बौद्धिक जड़ों को जोड़ता है, साथ ही कश्मीरी पंडितों के लिए यह एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. वे (कश्मीरी पंडित) आजादी से पहले वहां जाते रहते थे.
महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा है, 'पाकिस्तान के साथ करतारपुर कॉरिडोर खोलने पर मैं आपको धन्यवाद देती हूं जिससे सिख तीर्थयात्रियों को उस देश में पवित्र स्थान पर जाने का मौका मिलेगा. यह दोनों देशों के बीच शांति और समृद्धि का रास्ता तैयार करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है.'
महबूबा ने लिखा कि हमारी पार्टी दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे को बढ़ाने के लिए लोगों के बीच संपर्क बनाए जाने का समर्थन करती रही है और साथ ही हमने हमेशा दोनों देशों के बीच जम्मू-कश्मीर के जरिये जोड़ने वाले परंपरागत रास्तों को दोबारा खोलने का पैरवी किया है.
मुफ्ती ने लिखा, 'कश्मीरी पंडित श्रीनगर मुजफ्फराबाद रोड दोबारा खोले जाने के बाद से ही शारदा पीठ को खोलने की मांग कर रहे हैं. करतारपुर ने पंडित समुदाय को शारदा पीठ के लिए फिर से एक संभावना दिखाई है.'
उन्होंने लिखा, 'मुझे विश्वास है कि आप इस आग्रह को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकार करेंगे. यह पंडित समुदाय के लिए एक बड़ी चीज होगी साथ ही मुझे कोई शंका नहीं कि इसका राज्य के सभी लोग स्वागत करेंगे.'
People's Democratic Party (PDP) President Mehbooba Mufti writes to Prime Minister Narendra Modi for opening of Sharda Peeth pilgrimage in Pakistan Occupied Kashmir pic.twitter.com/lvbfdHLe9e
— ANI (@ANI) December 1, 2018
बता दें कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के द्वारा करतारपुर कॉरिडोर के खोले जाने के फैसले के बाद संबंधों में सुधार की आस दिख रही है. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 22 नवंबर को 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती से पहले पाकिस्तान के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पंजाब के गुरदासपुर जिले से एक गलियारा बनाने का फैसला लिया गया था.
और पढ़ें : क्या है करतारपुर कॉरिडोर, सिख समुदाय के लिए क्यों है महत्वपूर्ण
इस फैसले के बाद 26 नवंबर को भारत की तरफ से और 28 नवंबर को पाकिस्तान की तरफ से इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी. पाकिस्तान में आयोजित करतारपुर गलियारे के आधारशिला के मौके पर भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और आवास एवं शहरी मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी नरेंद्र मोदी सरकार का प्रतिनिधित्व किया था.
यह गलियारा अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे सिख श्रद्धालुओं को 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन का मौका मिलेगा.
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