NCP की कार्यकारिणी बैठक में अजित पवार ने उठाए सवाल, कहा- मामला चुनाव आयोग में लंबित
बुधवार को शरद पवार गुट की बैठक में मात्र 18 विधायक शामिल हुए, वहीं अजित पवार ने 30 विधायकों के बैठक में शामिल होने का दावा किया.
highlights
- रामदास अठावले ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की
- अठावले ने दावा किया समर्थन से राजग काफी मजबूत होगा
- अजित पवार को सीएम की जिम्मेदारी मिल सकती है: कांग्रेस
नई दिल्ली:
पिछले दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बड़ी फूट देखने को मिली. इस बीच पार्टी सुप्रीमों शरद पवार गुरुवार को दिल्ली में पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर अजित पवार ने प्रश्न उठाए हैं. अजित पवार ने एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी के विधायक और पदाधिकारियों ने उन्हें अध्यक्ष बनाया है. इस तरह देखा जाए तो शरद पवार को कार्यकारिणी की बैठक का कोई हक नहीं है. अभी मामला चुनाव आयोग में लंबित है. ऐसे में दिल्ली हो रही बैठक का कोई औचित्य नहीं है. इससे पहले बुधवार को शरद पवार और अजित पवार ने मुबंई में अपना शक्ति प्रदर्शन किया. दोनों खेमों में विधायकों की खास खेमेबाजी देखी गई. एक ओर अजित पवार ने दावा किया कि उन्हें 30 से ज्यादा विधायकों का साथ हासिल है. वहीं शरद पवार गुट की बैठक में मात्र 18 विधायक ही पहुंच सके. कुछ विधायक दोनों ही बैठक से दूर रहे.
अठावले बोले, मजबूत होगा राजग
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मुंबई में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से उनके आवास पर मुलाकात की. उन्होंने दावा किया कि उनके समर्थन से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) काफी मजबूत होगा. वहीं विपक्ष की ताकत कम होगी. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रमुख अठावले के अनुसार, राज्य का उपमुख्यमंत्री बनने के बाद ये उनकी शिष्टाचार मुलाकात थी. केंद्र सरकार में अठावले सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री हैं. वे महाराष्ट्र के बड़े नेता हैं.
एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे सीएम पद
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि यह जो राजनीति चल रही है, इसका मुख्य कारण अजित पवार को अपने साथ लाना है. इसका निर्णय दिल्ली में हुआ. चव्हाण ने कहा कि कुछ माह के अंदर लगभग 10-11 अगस्त से पहले एकनाथ शिंदे के खिलाफ विधानसभा द्वारा चल रही कार्रवाई निर्णय हो जाएगा. उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है. क्योंकि अब कोई रास्ता नहीं बचा है. अगर 16 विधायक और सीएम बारह जाते हैं तो नए सीएम की आवश्यकता होगी. ऐसे में अजित पवार को जिम्मेदारी मिल सकती है. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अजित पवार पर भरोसा जताया है. राज्य में अनिश्चितता का दौर जारी है. यह राज्य के हित में नहीं है.
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