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महाराष्ट्र कोल ब्लॉक आवंटन मामलाःदिल्ली कोर्ट ने पूर्व कोयला सचिव को 3 साल की सजा सुनाई

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने महाराष्ट्र कोल ब्लॉक आवंटन मामले में अनिमियता मामले में सज़ा का ऐलान किया है. नागपुर स्थित फर्म मेसर्स ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मुकेश गुप्ता को भी चार साल की सज़ा सुनाई गई है

Updated on: 08 Aug 2022, 12:19 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने महाराष्ट्र कोल ब्लॉक आवंटन मामले में अनिमियता मामले में सज़ा का ऐलान किया है. नागपुर स्थित फर्म मेसर्स ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मुकेश गुप्ता को भी चार साल की सज़ा सुनाई गई है. दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने कोयला घोटाले से जुड़े मामले में 29 जुलाई तीन लोगों और एक कंपनी को दोषी करार दिया था. एचसी गुप्ता को इससे पहले तीन अन्य कोयला घोटाला मामलों में भी दोषी ठहराया जा चुका है। उन मामलों में सजा के खिलाफ उनकी अपील दिल्ली हाइकोर्ट में लंबित है। फिलहाल जमानत पर है। 

सीबीआई के मुताबिक, 2005 और 2011 के बीच आरोपी व्यक्तियों ने आपराधिक साजिश रचकर कोयला मंत्रालय और भारत सरकार के साथ धोखा किया। कुल संपत्ति, क्षमता, उपकरण, खरीद स्थिति और संयंत्र की स्थापना के बारे में गलत सूचना देकर मंत्रालय के जरिए 'लोहारा ईस्ट कोयला ब्लॉक' जीआईएल को आवंटित करवा दिया। कंपनी ने अपने आवेदन में कुल संपदा 120 करोड़ रुपये बताई जबकि यह महज 3.3 करोड़ रुपये थी। कंपनी ने अपनी मौजूदा क्षमता 1,20,000 टन सालाना बताई थी जो वास्तव में 30,000 टन प्रतिवर्ष थी। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त 2014 को कोयला ब्लॉक का पूरा आवंटन ही रद्द कर दिया था।