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लॉ कमिशन का सुझाव- डेथ और बर्थ सर्टिफिकेट की तरह जरूरी हो मैरिज रजिस्ट्रेशन

लॉ कमिशन ने शादी के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने के लिए केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी है। कमिशन से सरकार से इस मामले में विचार करने को कहा है।

Updated on: 05 Jul 2017, 10:57 AM

नई दिल्ली:

लॉ कमिशन ने शादी के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने के लिए केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी है। कमिशन से सरकार से इस मामले में विचार करने को कहा है। कमिशन ने इस रिपोर्ट में तर्क दिए हैं कि तमाम कानून होने के बावजूद भी समाज में कुप्रथाएं नहीं रुक रही हैं इसलिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को लेकर विचार किया जाना चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समाज में व्याप्त सामाजिक बुराईयों पर तमाम कानून के बावजूद रोक नहीं लगाई जा पा रही है। यह रिपोर्ट लॉ कमिशन ने लॉ मिनिस्ट्री के लिए सौंपी हैं।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में कई विविध परंपराओं की वजह से शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं हो पाया है। वहीं दुनिया के कई देशों में शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसलिए कमिशन ने सरकार से कहा है कि चाहे किसी भी तरह की शादी हो उसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होना चाहिए।

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बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट की तरह होना चाहिए प्रावधान

लॉ कमिशन के चेयरमैन जस्टिस बीएस चौहान की अगुवाई में कमिशन ने लॉ मिनिस्ट्री को रिपोर्ट सौंपी है। इसमें डेथ और बर्थ सर्टिफिकेट ऐक्ट के प्रावधान में शादी के रजिस्ट्रेशन के प्रावधान को शामिल किया जाना चाहिए।

रजिस्ट्रेशन में देरी होने पर पेनाल्टी

कमिशन के मुताबिक जिस रजिस्ट्रार पर बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी है उसी पर शादी रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा इसमें एक और नियम जोड़ने की बात कही गई है। अगर कोई शादी के रजिस्ट्रेशन में लेट होता है तो उस पर लेट फीस लगाई जानी चाहिए।

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इतना ही नहीं कमिशन ने एक सेंट्रालाइज्ड वेब पोर्ट भी बनाने की मांग की है। ताकि ऑनलाइन शादी रजिस्टर्ड हो सकें। पंजीकरण के वक्त जिनके नाम बताए जा रहे हैं उनके पुख्ता सर्टिफिकेट भी दिखाने होंगे।