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Karnataka CM: शिवकुमार CM पद को लेकर अड़े, आलाकमान से ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर चर्चा

Karnataka CM: कांग्रेस प्रंचड जीत के बावजूद सीएम चेहरे को लेकर पसोपेश में है. पार्टी के पास दो बड़े चेहरे हैं सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार. दोनों ही सीएम पद की दावेदारी ठोक रहे हैं.

Updated on: 17 May 2023, 07:01 PM

highlights

  • सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार अकेले शपथ ग्रहण नहीं करेंगे
  • शपथ लेने के लिए 8-10 मंत्रियों की आवश्यकता है
  • 48-72 घंटों में कर्नाटक में एक नया मंत्रिमंडल बन जाएगा: सुरजेवाला

नई दिल्ली:

Karnataka CM: कर्नाटक में सियासी हलचल तेज हो चुकी है. कांग्रेस प्रंचड जीत के बावजूद सीएम चेहरे को लेकर पसोपेश में है. पार्टी के पास दो बड़े चेहरे हैं सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार. दोनों ही सीएम पद की दावेदारी ठोक रहे हैं. ऐसे में आलाकमान के लिए किसी एक को चुनना मुश्किल भरा फैसला है.  सूत्रों की माने तो डीके शिवकुमार भी सीएम पद को लेकर अड़ गए हैं. इस बीच ऐसी खबर सामने आई है कि पार्टी में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले विचार कर रही है. इसको लेकर लेकर भी ​डीके शिवकुमार ने शर्त रखी है. सूत्रों की मानें तो डीके शिवकुमार का कहना है कि अगर इस पर विचार होता है तो पहले ढाई साल का कार्यकात उन्हें मिले. वहीं दूसरा सिद्धारमैया को. डीके शिवकुमार के अनुसार, उन्हें पहला कार्यकाल दिया जाए या उन्हें कुछ न दिया जाए. ऐसा होने पर भी वे चुप रहेंगे.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार अकेले शपथ ग्रहण नहीं करेंगे. साथ-साथ शपथ लेने के लिए 8-10 मंत्रियों की आवश्यकता है. कांग्रेस आलाकमान केवल एक चेहरे पर निर्भर नहीं रहना चाहती है. पार्टी के बड़े नेताओं के बीच इन  सब बातों पर विचार चल रहा है. दोनों ही दिग्गज सिद्धारमैया और शिवकुमार ने जीत के बाद राहुल गांधी से मुलाकात की है.  

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दो से तीन और लगेगा समय 

कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला के अनुसार, इस समय सीएम पद को लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विचार-विमर्श कर रहे हैं. जब भी नाम पर मुहर लगेगी, तभी सभी को सूचित किया जाएगा. आने वाले 48-72 घंटों में कर्नाटक में एक नया मंत्रिमंडल बन जाएगा. इस कशमकश में डीके शिवकुमार ने अपने समर्थकों और विधायकों के साथ दिल्ली में अपने भाई और सांसद डीके सुरेश से मुलाकात भी की. वहीं डीके शिवकुमार सीएम बनने के फैसले पर अड़े हैं. वे लगातार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं.