बालाकोट में पाकिस्तान की सरपरस्ती में फिर सक्रिय हुए आतंकी कैंप, भारत पर निशाना
पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर भारतीय वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक के लगभग सात महीने बाद पाकिस्तान की सरपरस्ती में आतंकी गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं.
highlights
- जैश-ए-मोहम्मद ने बालाकोट स्थित अपने उस आतंकी ठिकाने को फिर से जिंदा कर लिया है.
- वैश्विक दबाव और निगाह से बचते हुए 40 जिहादियों को यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
- न सिर्फ जम्मू-कश्मीर, बल्कि गुजरात और महाराष्ट्र भी आतंकी निशाने पर.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर भारतीय वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक के लगभग सात महीने बाद पाकिस्तान की सरपरस्ती में आतंकी गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं. आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बालाकोट स्थित अपने उस आतंकी ठिकाने को फिर से जिंदा कर लिया है. वैश्विक दबाव और निगाह से बचते हुए 40 जिहादियों को यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इन आतंकियों को जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर आतंकी हमले करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.
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जैश की मदद ले रहा है पाकिस्तान
खुफिया जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से भारत सरकार द्वारा धारा 370 को हटाए जाने के फैसले के बाद बौखलाया पाकिस्तान भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जैश का सहारा ले रहा है. पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले के बाद उन आतंकी संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दे दी है, जो भारत को आतंकी हमलों से थर्राना चाहते हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले पाकिस्तान भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में है, ताकि कश्मीर मसले पर एक बार फिर से वह दुनिया का ध्यान भटका सके. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी का भी संबोधन होना है.
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अब्दुल रऊफ असगर रच रहा आतंकी हमलों की साजिश
14 फरवरी को पुलवामा पर आत्मघाती आतंकी हमले के बाद 27 फरवरी को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानें ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर सर्जिकल स्ट्राइक कर कैंप को तबाह कर दिया था. पुलवामा हमले के बाद भारत-विरोधी आतंकी समूहों को पाकिस्तान सरकार ने लो प्रोफाइल कर दिया था, जिसे 5 अगस्त के बाद जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर ने रावलपिंडी में आईएसआई के अपने हैंडलर्स से मिलने के बाद फिर से सक्रिय कर दिया.
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आतंकी हमलों के लिए नए नाम का सहारा भी ले सकते हैं आतंकी
हालांकि जम्मू-कश्मीर मसले के बाद ही पाकिस्तान में आतंकी संगठनों की बैठक भी हुई. इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद न सिर्फ जम्मू-कश्मीर, बल्कि गुजरात और महाराष्ट्र को भी निशाना बना सकता है. इसके लिए वह नए नाम का भी सहारा ले सकता है ताकि अंतरराष्ट्रीय जांच से बच सके. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों को कश्मीरी मूल के आतंकवादियों का उपयोग करने के लिए कहा गया है और इस संदर्भ में, मुश्ताक ज़रगर उर्फ लटरम के नेतृत्व वाले अल उमरार मुजाहिदीन जैसे निष्क्रिय समूहों को भी पुनर्जीवित किया जा रहा है.
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