SCO के संयुक्त युद्धाभ्यास में पहली बार आमने-सामने होगी भारत और पाकिस्तान की सेना
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की तरह से यह युद्धाभ्यास का आयोजन रूस में इस महीने अगस्त या फिर सितंबर के शुरुआती महीने में किया जा सकता है।
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान की सेना इतिहास में पहली बार रूस में किसी संयुक्त सैन्याभ्यास में हिस्सा लेगी। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की तरह से यह युद्धाभ्यास का आयोजन रूस में इस महीने अगस्त या फिर सितंबर के शुरुआती महीने में किया जा सकता है।
आतंकवाद के खिलाफ इस साझा सैन्य अभ्यास की रूपरेखा शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने तैयार की है। एससीओ चीन के प्रभाव वाली एक सुरक्षा संस्था है जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा संगठन NATO (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के जवाब में बनाया गया है।
एससीओ के अधिकारियों के मुताबिक यह सैन्य युद्धाभ्यास रूस के उरल पहाड़ों पर आयोजित की जाएगी जिसमें शंघाई सहयोग संगठन के लगभग सभी सदस्य देश हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा, इस संयुक्त अभ्यास का मकसद क्षेत्र में शांति की स्थापना करना और आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए इस संगठन के 8 देशों के बीच एक-दूसरे का सहयोग करना है।
भारत और पाकिस्तान दोनों देश साल 2005 में इस संगठन के अस्थायी सदस्य बने थे और उन्हें पूर्णकालिक सदस्यता पिछले साल ही मिली है।
चीन की मदद से एससीओ में पाकिस्तान को जगह मिलने के बाद रूस ने भारत को इसकी सदस्यता दिलाने का पुरजोर समर्थन किया था।
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एससीओ सदस्य देश अब दुनिया की कुल आबादी के 40 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि पूरी दुनिया के जीडीपी का 20 फीसदी हिस्सा इस संगठन के सदस्यों देशों के पास है।
एससीओ सदस्य बनने के बाद भारत का मानना रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में वह इस पूरे क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकता है।
इस साल सितंबर महीने में भारत और चीन की सेना साझा सैन्य अभ्यास भी कर सकती है जो बीते साल डोकलाम में तनाव की वजह से रद्द कर दिया गया था।
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