ICSE बोर्ड की किताब में ध्वनि प्रदूषण की वजहों में दिखाई मस्जिद
आईसीएसई बोर्ड की कक्षा 6ठीं के सिलेबस की किताब में ध्वनि प्रदूषण के पाठ पढ़ाने के लिए के चित्र का उपयोग किया गया है।
नई दिल्ली:
आईसीएसई बोर्ड की कक्षा 6ठीं के सिलेबस की किताब में ध्वनि प्रदूषण के पाठ पढ़ाने के लिए के चित्र का उपयोग किया गया है। पीटीआई के ट्वीट के मुताबिक चित्र में मस्जिद को दिखाया गया है और इतना नहीं उससे होने वाले अजान को शोर बताकर ध्वनि प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया है।
बोर्ड की इस हरकत पर मुस्लिम समाज के लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है। सेलिना पब्लिशर्स की प्रकाशित किताब में ध्वनि प्रदूषण के अध्याय में मस्जिद की अजान के अलावा गाड़ियों, कारों, विमानों का शोर भी दिखाया गया है। इन सबके आगे एक युवक को दिखाया गया है जो कि इन शोर से परेशान और असहाय खड़ा है।
किताब के पेज नंबर 202 पर प्रकाशित यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। नाराज लोगों ने आईसीएसई बोर्ड पर टेक्सटबुक के माध्यम से इस्लाम को बदनाम करने का आरोप लगाया है।
Outrage after an image in class 6 textbook taught in #ICSE schools shows "mosque" as a source of noise pollution. pic.twitter.com/IMRp1S7w6s
— Press Trust of India (@PTI_News) July 2, 2017
और पढ़ें: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, फिर से परिभाषित हो 'अल्पसंख्यक', हिंदुओं की आबादी घटी
विवाद बढ़ने के बाद किताब प्रकाशक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए अगले संस्करणों में इसे सुधारने की बात कही है। हालांकि जो किताबें छप चुकी हैं उनके वापस लेने के बारें में फिलहाल कोई बात नहीं की गई है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले मशहूर बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम ने ध्वनि प्रदूषण के लिए मस्जिदों की अजान को जिम्मेदार ठहराया था और ट्वीट में गुंडागर्दी करार दिया था। इसके बाद काफी हंगामा हुआ था।
और पढ़ें: असदुद्दीन ओवैसी बोले, पूरे मुल्क में फैलाया जा रहा है इस्लाम का डर
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Love Rashifal 3 May 2024: इन राशियों के लिए आज का दिन रोमांस से रहेगा भरपूर, जानें अपनी राशि का हाल
-
Ganga Dussehra 2024: इस साल गंगा दशहरा पर बन रहा है दुर्लभ योग, इस शुभ मुहूर्त में स्नान करें
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीय के दिन करें ये उपाय, चुम्बक की तरह खिंचा चला आएगा धन!
-
First Hindu Religious Guru: ये हैं पहले हिंदू धर्म गुरु, भारत ही नहीं विश्व भी करता है इन्हें नमन