Weather Update: आखिर इस गर्मी में गर्मी महसूस क्यों नहीं हो रही! मई में भी राहत, जानें हो रही बारिश के कारण
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के कुछ हिस्सों में बारिश के पांच प्रमुख कारणों को जिम्मेदार बताया है. साथ ही आईएमडी ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत के उत्तर पश्चिमी, मध्य, पूर्वी, पूर्वोत्तर और दक्षिणी क्षेत्रों मे बारिश की संभावना है.
highlights
- अप्रैल में बारिश से चिलचिलाती गर्मी से लोगों को मिली भारी राहत
- मई में भी सामान्य से कम अधिकतम तापमान रहने की संभावना है
- मई के पहले हफ्ते में भी देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश-ओलावृष्टि
नई दिल्ली:
यदि आप गर्मी (Summer) के मौसम को पसंद नहीं करते हैं, तो अप्रैल का महीना अब तक देश के कई हिस्सों में तापमान (Schorching Heat) के बढ़ते स्तर तक पहुंचने के लिहाज से काफी अच्छा साबित हुआ है. इसके साथ ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पूरे भारत के कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश (Rain) की भविष्यवाणी की है. शनिवार से रविवार शाम तक केरल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पश्चिम राजस्थान, सौराष्ट्र, कच्छ, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, रायलसीमा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, लक्षद्वीप, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, झारखंड, बिहार, गुजरात क्षेत्र, कोंकण, गोवा में बारिश (Showers) के छींटे पड़े. अब आईएमडी ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि आने वाले दिनों में भारत के उत्तर-पश्चिमी, मध्य, पूर्वी, पूर्वोत्तर और दक्षिणी क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है.
आईएमडी का नवीनतम बुलेटिन भी दे रहा है राहत
- मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ने अगले 5 दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में कहीं-कहीं हल्की-मध्यम बारिश, बर्फबारी, बिजली की गरज और तेज हवाओं की संभावना समेत उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में बिजली की गरज और तेज हवाओं के साथ काफी व्यापक बारिश की भविष्यवाणी की है.
- आईएमडी ने कहा कि 2 मई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है. अगले 5 दिनों के दौरान उत्तराखंड, 1-2 मई के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली समेत 3 मई को राजस्थान में भी ओलावृष्टि हो सकती है.
- हिमाचल प्रदेश और जम्मू में 1-2 मई को भारी वर्षा समेत 3-4 मई के दौरान पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आंधी चलने की संभावना है.
- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए आईएमडी ने सोमवार को भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. आज ही मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के छिटपुट स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है.
- दक्षिण भारत में अगले 4 दिनों के दौरान कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में छिटपुट स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
- पूर्वी भारत में आईएमडी ने 1 मई को झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में, 2 मई के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना जताई है.
- पूर्वोत्तर भारत में 1-2 मई के दौरान अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है. 1-4 मई के दौरान असम और मेघालय में भी बारिश होगी.
1) The thunderstorm activity over most parts of the country is likely to continue till 3rd May and reduce significantly thereafter from 4th May.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) April 30, 2023
2) Widespread rainfall with thunderstorm/hailstorm activity and isolated heavy rainfall likely over:
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आखिर क्यों आ रही भारत भर में बारिश से तापमान में गिरावट
- आईएमडी ने देश के कुछ हिस्सों में बारिश के पांच प्रमुख कारणों को रेखांकित किया है. इसके मुताबिक...
- पश्चिमी विक्षोभ के रूप में चक्रवाती सर्कुलेश निचले और ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों में मध्य पाकिस्तान पर स्थित है.
- निचले क्षोभमंडल में दक्षिण पाकिस्तान और इससे सटे पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है.
- चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और दूसरा दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर निचले क्षोभमंडल स्तर पर बना हुआ है.
- निम्न क्षोभमंडलीय स्तरों में पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु के अंदरूनी क्षेत्र में एक हवाओं के बदलाव से मौसम बदला हुआ है.
- सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के 1 मई की रात से उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है.
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दिल्ली में सुखद अप्रैल: कोई लू नहीं, 2017 के बाद सबसे अधिक बारिश
- लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली में पिछले साल की भीषण गर्मी की तुलना में अप्रैल में ठंडे तापमान का अनुभव हुआ. अधिक वर्षा हुई और सामान्य से कम औसत अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया.
- भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अप्रैल में शहर का औसत अधिकतम तापमान 35.32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 2020 में महीने के बराबर है और 2015 के बाद से सबसे कम (34.5 डिग्री सेल्सियस) है.
- अप्रैल में शहर का औसतन अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है.
- रविवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 4 अप्रैल 2015 के बाद यह महीने में सबसे कम तापमान था, जब पारा 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
- अप्रैल की शुरुआत में आईएमडी ने उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान की भविष्यवाणी की थी.
- राष्ट्रीय राजधानी में प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने भी कोई लू चलने का दिन दर्ज नहीं किया. पिछले साल शहर ने अप्रैल में नौ हीटवेव के दिन देखे, जिसमें पहले 10 दिनों में चार दिन शामिल थे. ये 2010 के बाद अप्रैल महीने में सबसे अधिक थे.
- आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक दो मजबूत सहित पांच पश्चिमी विक्षोभ ने दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान को नियंत्रित रखा है.
- आमतौर पर दिल्ली में तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ रिकॉर्ड किए जाते हैं, जो अप्रैल में उत्तर-पश्चिम भारत में प्री-मानसून सीजन यानी मार्च से मई में बारिश के प्राथमिक कारणों में से एक है.
- पश्चिमी विक्षोभ की वजह से अ्रैल महीने में दिल्ली में 20.1 मिमी बारिश हुई, जो 2017 में दर्ज 26.9 मिमी के बाद सबसे अधिक है.
- एक और पश्चिमी विक्षोभ सोमवार से उत्तर पश्चिम के मैदानी इलाकों में मौसम को प्रभावित करना शुरू कर देगा.
- आईएमडी ने शुक्रवार को कहा था कि उत्तर-पश्चिम भारत में मई में सामान्य से कम अधिकतम तापमान और कम लू के दिन रिकॉर्ड किए जाने की संभावना है.
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