कश्मीर में हाइब्रिड आतंक के खात्मे की नई रणनीति पर तेजी से काम शुरू
ठक में लिए गए निर्णयों को अमली जामा पहनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में तेजी से काम हो रहा है. इन सभी का मकसद यही है कि टारगेट किलिंग को रोक कर शांति, सुरक्षा एवं विश्वास का माहौल बनाया जाए.
highlights
- हिंदुओं को जिला और तहसील मुख्यालय में तैनात किया जा रहा
- अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए 350 कंपनियां, 180 तैनात भी
- खुफिया नेटवर्क मजबूत करने के साथ गश्त पर भी रहेगा जोर
श्रीनगर:
सुरक्षा बलों के एंटी-टेरर ऑपरेशंस से बौखलाए आतंकी (Terrorists) अब टारगेट किलिंग पर उतर आए हैं. उनके निर्देश और दिए गए हथियारों से ओवर ग्राउंड आतंकियों यानी हाइब्रिड आतंकी हिंदुओं और बाहर से आए गैर-मुसलमानों को निशाना (Target Killing) बना रहे हैं. ऐसे में विगत दिनों गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने गहन बैठक की थी. इसी बैठक में लिए गए निर्णयों को अमली जामा पहनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में तेजी से काम हो रहा है. इन सभी का मकसद यही है कि टारगेट किलिंग को रोक कर शांति, सुरक्षा एवं विश्वास का माहौल बनाया जाए.
4500 कश्मीरी हिंदओं को जिला-तहसील मुख्यालय में तैनात
बताते हैं कि आतंक विरोधी अभियानों में बीएसएफ और एसएसबी की भूमिका बढ़ाई जा रही है. इसके साथ ही 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा कवच को मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की प्रक्रिया 15 जून तक पूरी कर ली जाएगी. इसी के साथ 4500 कश्मीरी हिंदू व अन्य अल्पसंख्यक कर्मियों को कश्मीर के भीतरी इलाकों से जिला मुख्यालयों व तहसील मुख्यालयों में तैनात कर दिया गया है. करीब 600 कश्मीरी हिंदुओं को उनके द्वारा सुझाए गए स्थान पर नियुक्त किया गया है, इनमें 130 दंपति हैं. इसके पहले हिंदू शिक्षकों का मुख्यालय तबादला कर दिया गया था. एक निर्णय के तहत घाटी में विस्थापित कश्मीर हिंदू और जम्मू संभाग के हिंदू कर्मचारियों को जिला मुख्यालय, म्युनिसिपल टाउन या म्युनिसिपल टाउन के तीन किलोमीटर के दायरे में ही नियुक्त किया जाएगा.
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खुफिया नेटवर्क बनाया जा रहा और मजबूत
बाहर से आए लोगों और उनके घरों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है. कश्मीर में काम करने गए अल्पसंख्यकों की बस्तियों के आसपास भी सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ाई जा रही है. गत शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक में आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से अभियान तेज करने का फैसला लिया गया है. इसके तहत पूरे प्रदेश में खुफिया नेटवर्क को और मजबूत बनाया जा रहा है. इसमें अत्याधुनिक उपकरणों समेत इलेक्ट्रानिक सर्विलांस का पूरा इस्तेमाल होगा. पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के खुफिया नेटवर्क में अनुभवी और प्रशिक्षित अधिकारियों व कर्मियों को तैनात किया जाएगा. सभी अहम जानकारियों को आपस में साझा किया जाएगा और आतंकरोधी अभियानों की व्यूह रचना को संयुक्त रूप से तैयार किया जाएगा.
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अमरनाथ यात्रा के लिए 180 कंपनियां तैनात
गृह मंत्रालय ने 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का भी प्रभावी खाका तैयार कर लिया है. इसके तहत प्रदेश में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की आमद और उनकी तैनाती की प्रक्रिया को 15 जून तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले 350 कंपनियां भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. इनमें से 180 कपंनियां तैनात की जा चुकी हैं. शेष की तैनाती जल्द ही कर दी जाएगी. इन कपंनियों में से 20 कंपनियों को दक्षिण कश्मीर और श्रीनगर के साथ सटे इलाकों में आतंकरोधी अभियानों में भी शामिल किया जाएगा.
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