ममता बनर्जी का केंद्र पर बड़ा आरोप 'बंगाल के लिए आवंटित ऑक्सीजन UP भेज रहा है केंद्र'
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने भारत में तांडव मचा रखा है. कोरोना की भयंकर तेज रफ्तार से देश में हाहाकार है. कोरोना से हालात दिनों दिन बिगड़ते जा रहे हैं. देश में हर ओर ऑक्सीजन की मांग उठ रही है.
दिल्ली :
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने भारत में तांडव मचा रखा है. कोरोना की भयंकर तेज रफ्तार से देश में हाहाकार है. कोरोना से हालात दिनों दिन बिगड़ते जा रहे हैं. देश में हर ओर ऑक्सीजन की मांग उठ रही है. ऑक्सीजन की कमी के चलते हर दिन सैकड़ों लोगों की जान जा रही हैँ. ऐसे में राज्य सरकारें केंद्र से लगातार ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने की मांग कर रही हैं. इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर ऑक्सीजन को लेकर बड़ा आरोप लगाए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि है कि बंगाल के लिए आवंटित ऑक्सीजन उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है.
एक संवाददाता सम्मेलन में दुर्गापुर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी की सरकार बंगाल की ऑक्सीजन सप्लाई चेन को उत्तर प्रदेश में भेज दिया है. भाजपा राज्यों में आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखी जा रही है. हमें ऑक्सीजन कहां से मिलेगी? हम भिखारी नहीं है. ममता बनर्जी ने कोविड महामारी की दूसरी लहर के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार को दोषी करार दिया.
Our oxygen supply chain has been diverted to Uttar Pradesh. The supply chain is being maintained in BJP states. Where will we get oxygen from?: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/zQD6TWlSMx
— ANI (@ANI) April 23, 2021
बता दें कि इस समय देश भर में ऑक्सीजन की कमी से त्राहिमाम मचा हुआ है. हालांकि केंद्र सरकार ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए एक्शन में भी दिख रही है और राज्यों को कुछ हद तक ऑक्सीजन मिलना शुरू भी हो गया है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं, सुप्रीम कोर्ट को खुद इसमें संज्ञान लेना पड़ा है. कोरोना से भयावह होती स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की और ऑक्सीजन की कमी को लेकर चिंता जताई. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद (SA) बोबड़े ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग मर रहे हैं. फिलहाल कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई को 27 अप्रैल तक टाल दिया है.
कोविड से बिगड़े हालात को लेकर सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली अदालत की तीन-न्यायाधीश पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से एमकिस क्यूरी से हटने की अनुमति मांगी. हरीश साल्वे ने कहा कि कल से मुझे लेकर हो रही टीका-टिप्पणी और हितों के टकराव जैसा मसला बताए जाने के चलते मैं एमकिस क्यूरी बनने के पक्ष में नहीं हूं. ये बहुत संजीदा मसला है. मैं नहीं चलता कि कोई शक की गुज़ाइश भी रहे. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने हरीश साल्वे को मामले से हटने की अनुमति दी.
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