महाराष्ट्र की सड़कों पर कभी सब्जी बेचते थे ये नेता, उद्धव ठाकरे सरकार में बने मंत्री
महाराष्ट्र में गुरुवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में एनसीपी के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल ने भी शपथ ली.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के अलावा 6 मंत्रियों ने शपथ ली. 2 एनसीपी के, 2 शिवसेना के और 2 कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने शपथ ली. गुरुवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में एनसीपी के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल ने भी शपथ ली. छगन भुजबल राजनीति में वो नाम है जो फर्श से अर्श तक पहुंचे. शायद ही कभी छगन भुजबल ने सोचा होगा कि वो इस मुकाम तक पहुंचेंगे. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की पद संभाल चुके छगन भुजबल सब्जी बेचा करते थे. भायखला के बाजार में वो सब्जी बेचा करते थे.
छगन भुजबल की मां भी यही एक दुकान में फल बेचा करती थी. छगन भुजबल बाला साहब ठाकरे के भाषण से बेहद ही प्रभावित थे. कहते है ना अगर आगे बढ़ना हो तो पंख को उड़ान देना पड़ा है. भुजबल भी सब्जी का धंधा छोड़कर राजनीति में जाने का फैसला किया.
छगन भुजबल शिवसेना के कार्यकर्ता बन गए. छगन भुजबल धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई. आक्रामक भाषण की वजह से छगन भुजबल की पहचान एक धाकड़ नेता के रूप में हो गई. 1985 में वह मुंबई के मेयर में चुने गए थे.
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15 अक्टूबर 1947 को पैदा हुए छगन भुजबल 1985 और 1990 में माजगांव से विधायक बने. 1990 में शिवसेना के 52 विधायक विधानसभा पहुंचे. छगन भुजबल चाहते थे कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए. लेकिन यह पद बाला साहब ठाकरे ने मनोहर जोशी को दे दिया.
अपनी अनदेखी से दुखी 1991 में भुजबल ने नागपुर में विधानसभा सत्र के दौरान 9 विधायकों के साथ कांग्रेस में प्रवेश किया. उस समय शरद पवार राज्य में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता थे.
भुजबल 2004 से 2014 तक सार्वजनिक विभाग को संभाला. इस दौरान उनपर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा. छगनभुजबल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद भी संभाली. लेकिन फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले छगन भुजबल को मार्च 2016 में जेल जाना पड़ा.
महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में उनको गिरफ्तार किया गया. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था. उन्हें मुंबई के आर्थर रोड जेल में भेज दिया गया. दो सालों में उनकी जमानत की कई कोशिशें हुईं, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिल पाई थी. 4 मई, 2018 को उन्हें जमानत मिल गई. इस बार वो येवला सीट से जीतकर महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे और उद्धव ठाकरे के कैबिनेट में जगह मिल गई.
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