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तमिलनाडु: चेन्नई में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, राज्य में अब तक 8 की मौत

चेन्नई में गुरुवार शाम से ही बारिश हो रही है, जो शुक्रवार को भी जारी रही। हालांकि, दिन में यह थोड़ी देर के लिए कम जरूर हुआ लेकिन शुक्रवार को शाम होते-होते एक बार फिर तेज बारिश शुरू हो गई।

Updated on: 04 Nov 2017, 08:44 AM

highlights

  • चेन्नई सहित तमिलनाडु के कई और जिले भारी बारिश से प्रभावित
  • चेन्नई के स्कूल और कॉलेज 31 अक्टूबर, मरीना बीच का इलाका भी पानी में डूबा
  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी ने शुक्रवार को लिया हालात का जायजा

नई दिल्ली:

तमिलनाडु के चेन्नई सहित कांचीपुरम, तिरुवल्लुर, पुडुकोट्टई और नागपट्टनम जैसे जिलों में लगातार बारिश बुरी तरह प्रभावित हुए जनजीवन के बीच राज्य में मरने वालों की संख्या 8 पहुंच गई है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार चेन्नई में गुरुवार शाम से ही बारिश हो रही है, जो शुक्रवार को भी जारी रही। हालांकि, दिन में यह थोड़ी देर के लिए कम जरूर हुआ लेकिन शुक्रवार को शाम होते-होते एक बार फिर तेज बारिश शुरू हो गई।

आलम ये है कि चेन्नई के कई स्थान जैसे मइलापुर, फोरसोर एस्टेट, ताबरम के दक्षिणी हिस्से, क्रोमपेट और पलावरम जलमग्न हो गए हैं और यातायात भी प्रभावित हुआ है। चेन्नई के प्रसिद्ध मरीना बीच के सामने का इलाका भी पानी में डूबा हुआ है।

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सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक चेन्नई में 105 राहत कैंप लगाए गए हैं। इस बीच आपदा को ठीक तरीके से नहीं संभाल पाने के कारण आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने शहर के कई प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। उनके साथ उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम और कई सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे।

चेन्नई, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम जिलों में स्कूल और कॉलेज 31 अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं। साथ ही तमिलनाडु सरकार ने प्राइवेट विभिन्न कंपनियों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने की बात कही है।

अन्ना यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास ने भी अपने सेमेस्टर परीक्षा को रद्द कर दिया है।

क्या फिर लौटा है 2015 का 'प्रलय'

लगातार भारी बारिश ने स्थानीय लोगों को एक बार फिर दिसंबर-2015 के बाढ़ की याद दिला दी है। हालांकि, राज्य सरकार ने लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।

सरकार ने कहा कि लोग सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर ध्यान नहीं दे। दरअसल, सोशल मीडिया पर यह अफवाह जोरो पर है कि शहर के झीलों और तालाबों में काफी पानी है जिसे छोड़ा जाना है।

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यातायात प्रभावित

भारी बारिश और जलजमाव के कारण शहर का यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गुरुवार रात को लोकल ट्रेन की सेवा भी प्रभावित हुई है। हालांकि, शुक्रवार सुबह तक यह सामान्य हो गया।

एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि फ्लाइट भी सामान्य तरीके से फिलहाल जारी है। सबसे ज्यादा प्रभावित समुद्री इलाका हुआ है और खराब मौसम के कारण शुक्रवार को 10,000 से ज्यादा मछुआरे समुद्र में नहीं जा सके।

इस बीच बेदारनयाम में करीब 10,000 एकड़ जमीन के पानी में डूब जाने से नमक का उत्पादन ठप हो गया है। वहीं, सांबा और थालाडी जिले के करीब 1.28 लाख हेक्टेयर में से 75,000 धान के खेत भी पानी में डूब गए हैं।

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