Chandrayaan-3: चांद पर लैंडिंग के बाद पहली बार रोवर ने ली लैंडर विक्रम की तस्वीर, ISRO ने शेयर की फोटो
Chandrayaan-3: इसरो का चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लगातार काम कर रहा है और इसरो को डेटा भेज रहा है. बुधवार को चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने लैंडर विक्रम की कुछ तस्वीरें खींची. जिसे इसरो ने अपने एक्स हैंडल से शेयर किया है.
highlights
- रोवर प्रज्ञान ने पहली बार खींची लैंडर विक्रम की फोटो
- चांद की सतह पर लगातार काम कर रहा है प्रज्ञान
- इसरो को भेज रहा जरूरी डेटा
New Delhi:
Chandrayaan-3: चांद की सतह पर लैंडिंग करने के बाद रोवर प्रज्ञान ने लैंडर विक्रम की पहली बार तस्वीरें खींची. जिन्हें इसरो ने अपने एक्स हैंडल से शेयर किया है. इसरो ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'स्माइल प्लीज!' इसरो के मुताबिक, रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरा के द्वारा लैंडर विक्रम की ये तस्वीर खींची गई है. बता दें कि रोवर प्रज्ञान में लगे इस खास कैमरे को लैबोरेट्री फॉर इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम्स ने विकसित किया है. इसरो ने जानकारी दी कि इस तस्वीर को रोवर प्रज्ञान ने 30 अगस्त को भारतीय समयनुसार सुबह 7.35 बजे खींचा.
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चांद की सतह पर सल्फर होने की रोवर ने की पुष्टि
बता दें कि 23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरने के बाद इसरो का चंद्रयान-3 मिशन चांद की जानकारियां भेज रहा है. चांद की सतह पर घूम रहे रोवर प्रज्ञान ने दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है. अंतरिक्ष विज्ञानी टीवी वेंकटेशवरन के मुताबिक, 'रोवर ने चांद पर कुछ विशेष तत्वों को खोज निकाला है. रोवर प्रज्ञान अभी अगले 8 दिनों तक चांद की सतह पर और तत्वों की कंपोजिशन और कंसंट्रेशन की जानकारी हासिल करेगा.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 30, 2023
Smile, please📸!
Pragyan Rover clicked an image of Vikram Lander this morning.
The 'image of the mission' was taken by the Navigation Camera onboard the Rover (NavCam).
NavCams for the Chandrayaan-3 Mission are developed by the Laboratory for… pic.twitter.com/Oece2bi6zE
टीवी वेंकटेशवरन ने बताया कि 'पहले से ही चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के साथ ही अमेरिका के ऑर्बिटर्स ने रिमोट सेंसिंग और मैपिंग से चांद की सतह पर कई खनिजों का भंडार होने की जानकारी दे चुके हैं. लेकिन रिमोट सेंसिंग करीब 100 किलोमीटर दूर आसमान से की गई है. इसलिए चांद के कुछ स्थानों पर लैंड करने की जरूरत है. इसके बाद रिमोट सेंसिंग के डेटा और रोवर के डाटा के मिलान के बाद ही रिमोट सेंसिंग डेटा पर विश्वास बढ़ेगा.
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14 जुलाई को लॉन्च किया गया था चंद्रयान-3
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था. इसके बाद चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर उतरा. उसके कुछ घंटों के बाद लैंडर विक्रम के अंदर से रोवर प्रज्ञान बाहर निकला और उसके बाद उसने चांद की सतह पर घूमना शुरू किया.
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