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Amarnath Yatra 2023: कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, ड्रोन से की जा रही चप्पे-चप्पे की निगरानी

Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा का आज से शुभारंभ हो गया. 62 दिनों तक चलने वाला इस यात्रा का पहला जत्था शनिवार को रवाना हो गया. पहले जत्थे में 3400 से ज्यादा श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जा रहे हैं.

Updated on: 01 Jul 2023, 07:40 AM

highlights

  • आज से शुरु हुई अमरनाथ यात्रा
  • श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना
  • पहले जत्थे में 3400 से ज्यादा श्रद्धालु शामिल

New Delhi:

Amarnath Yatra 2023: कड़ी सुरक्षा के बीच आज (1 जुलाई) से अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई. इसी के साथ बाबा बर्फानी के भक्तों के पहला जत्था अमरनाथ यात्रा के रवाना हो गया. भोलेनाथ के भक्तों में भारी जोश और उत्साह देखने को मिला. भोलेनाथ के जयकारों के साथ श्रद्धालु अमरनाथ की यात्रा के लिए निकल पड़े.  अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे में 3400 से ज्यादा तीर्थयात्री शामिल हैं. 60 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में शिव के भक्तों में भारी उत्साह नजर आ है. बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए जगह-जगह भंडारों का आयोजन भी किया जा रहा है.

सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच यात्रा शुरु

हर साल की तरह इस साल भी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. जिससे भोलेनाथ के भक्तों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो और यात्रा को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराया जा सके. सुरक्षा के लिए भारी संख्या में सेना के जवानों की तैनाती की गई है. सेना के जवान में ड्रोन से चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए हैं. इसके साथा ही सुरक्षा के लिए डॉग स्क्वायड को भी लगाया गया है. बता दें कि इस साल अमरनाथ यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.

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जानकारी के मुताबिक, पिछले साल इस यात्रा में तीन लाख 60 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए अमरनाथ पहुंचे थे. ऐसा माना जा रहा है कि इस साल ये संख्या बढ़कर 6 लाख के पास जा सकती है. बता दें कि बुधवार तक इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके थे. जो इस समय तक पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा है.

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सुरक्षा में किए गए ये बड़े बदलाव

बता दें कि अमरनाथ यात्रा का मार्ग बहुत दुर्गम है. इसीलिए अमरनाथ यात्रा के दौरान हादसे होना आम बात है.  इस साल अमरनाथ गुफा मंदिर में तैनात किए गए सुरक्षाकर्मी पहाड़ों पर युद्ध का प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए हैं. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की बजाए इस बार भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के पर्वतीय युद्ध प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया गया है. जबकि सीआरपीएफ के जवानों को अब गुफा मंदिर की सीढ़ियों के ठीक नीचे तैनात किया गया है. आईटीबीपी और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान लगभग आधा दर्जन शिविरों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं. इनकी सुरक्षा पहले देश के प्रमुख आंतरिक सुरक्षा बल सीआरपीएफ के द्वारा की जाती थी.