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Aditya L1: सूर्य मिशन पर निकले आदित्य एल-1 को मिली एक और सफलता, तीसरी बार बदली कक्षा

Aditya L1 Mission: भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 लगातार अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है. इसी बीच रविवार सुबह आदित्य एल-1 ने एक और सफलता पा ली. दरअसल, आदित्य एल-1 ने तीसरी बार सफलतापूर्वक कक्षा बदलने के प्रक्रिया को पूरा कर लिया.

Updated on: 10 Sep 2023, 10:19 AM

highlights

  • भारत के सूर्य मिशन को मिली एक और सफलता
  • आदित्य एल-1 ने तीसरी बार सफलतापूर्वक बदली कक्षा
  • 15 सितंबर को चौथी बार आदित्य एल-1 बदलेगा कक्षा

New Delhi:

Aditya L1 Mission: इसरो के सोलर मिशन आदित्य एल-1 को एक और बड़ी सफलता मिल गई है. दरअसल, आदित्य एल-1 ने सफलतापूर्वक अपनी तीसरी कक्षा बदल ली है. इस बारे में भारतीय अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने जानकारी साझा की है. इसरो के मुताबिक, आदित्य एल1 ने सफलतापूर्वक तीसरी बार भी कक्षा बदलने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. इसरो ने एक्स पर कहा, आदित्य एल-1 ने पृथ्वी की कक्षा को तीसरी बार बदलने की प्रक्रिया को बेंगलुरू के इस्ट्रैक सेंटर से सफलतापूर्वक पूरा करा लिया गया है. बता दें कि आदित्य एल-1 मिशन की कक्षा बदलने की प्रक्रिया को बेंगलुरु में इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) से निर्देशित में पूरा किया गया. इसके साथ ही मिशन की इस प्रक्रिया को मॉरीशस, बेंगलुरु, पोर्ट ब्लेयर में मौजूद इसरो के ग्राउंड स्टेशनों से ट्रैक किया गया.

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कक्षा बदलने की अगली प्रक्रिया 15 सितंबर को

इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक, मिशन आदित्य एल-1 की नई कक्षा 296 किमी x 71767 किमी है. कक्षा बदलने की इसकी अगली प्रक्रिया 15 सितंबर की सुबह 2 बजे के आसपास पूरी की जाएगी. गौरतलब है कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी मिशन आदित्य एल-1 को 2 सितंबर को लॉन्च किया था. इसकी लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से की गई.

आदित्य एल-1 ने बदली तीसरी बार कक्षा

बता दें कि भारत के आदित्य एल-1 ने पृथ्वी की दो कक्षाएं पहले ही बदल ली हैं. आदित्य एल-1 ने अपनी पहली कक्षा 3 सितंबर को बदली थी, उसके बाद 5 सितंबर को दूसरी कक्षा और आज यानी 10 सितंबर को आदित्य एल-1 ने तीसरी कक्षा बदल ली. पृथ्वी की कक्षा बदलने का चौथा अभ्यास 15 सितंबर को किया जाएगा. इसरो को मुताबिक आदित्य एल-1 पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा. इस दौरान 5 बार अर्थ बाउंड फायर की जाएगी, जो आदित्य एल-1 की कक्षा बदलने के लिए किया जाता है.

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सूर्य का अध्ययन करेगा आदित्य एल-1

इसरा को सूर्य मिशन आदित्य एल-1 पृथ्वी के लैग्रेंज बिंदु 1 या एल-1 से सूर्य का अवलोकन करेगा. ये स्थान पृथ्वी से 1.5 मिलियन यानी 15 लाख किमी दूर है. इसरो के मुताबिक, L1 बिंदु के चारों ओर बिना किसी रुकावट या ग्रहण के सूर्य को लगातार देखा जा सकता है. इसलिए सूर्य के अवलोकन के लिए इस स्थान का चयन किया गया है. बता दें कि भारत का ये पहला मिशन है जो सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा गया है. इस साल भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में चंद्रयान-3 के बाद ये लगातार दूसरी सफलता मिली है.