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MCD चुनाव का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, आप ने की ये बड़ी मांग

दिल्ली में नगर निकाय चुनाव (MCD Election) टालने के राज्य चुनाव आयोग (state Election Commission) के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है.

Updated on: 17 Mar 2022, 04:57 PM

highlights

  • दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची आप
  • आयोग को जल्द चुनाव कराने का आदेश देने का किया आग्रह
  • तीनों एमसीडी के विलय की बात कहकर आयोग ने डाला था चुनाव

नई दिल्ली:

दिल्ली में नगर निकाय चुनाव (MCD Election) टालने के राज्य चुनाव आयोग (state Election Commission) के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. आप ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वे राज्य चुनाव आयोग को आदेश दें कि वे बिना केंद्र सरकार (Union Government of India) के दखल के साफ-सुथरे तरीके समय पर चुनाव संपन्न कराए. दरअसल, दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने पिछले दिनों एमसीडी चुनाव को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था. आयोग ने  दिल्ली उपराज्यपाल से हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार दिल्ली के तीन नगर निगमों के विलय के लिए कानून पारित करने वाली है, ऐसे में चुनाव कराना ठीक नहीं होगा. आयोग के इस बयान से नाराज होकर आप ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.

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गौरतलब है कि इससे पहले राज्य चुनाव आयोग के चुनाव टालने के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था. उन्होंने कहा था कि अगर इस तरह स्वायत्त संस्थाओं पर दबाव डालकर सरकार चुनाव टालेंगी तो लोकतंत्र नहीं बच पाएगा. उन्होंने कहा था कि सरकार आती और जाती रहेंगी, राजनीतिक दल भी आते-जाते रहेंगे, मगर देश कमजोर नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाना चाहिए.

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चुनाव आयुक्त पर लालच या धमकी में झुकने का लगाया था आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में राज्य चुनाव आयुक्त पर भी निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं पता चुनाव आयुक्त एक घंटे में ही क्यों चुनाव टालने को तैयार हो गए? उन्होंने सवाल उठाया, क्या राज्य के चुनाव आयुक्त पर दबाव डाला गया या फिर आयकर और ईडी की कार्रवाई की धमकी के आगे झुक गए. उन्होंने पूछा था कि यही कारण है कि वह एक घंटे के अंदर चुनाव टालने को तैयार हो गए. उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है. क्या कार्यकाल खत्म होने पर उन्हें कोई और पद का लालच दिया गया है. उन्होंने कहा था कि मैं राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त से कहना चाहता हूं कि ऐसा करेंगे तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा.