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World Malaria Day 2023: मलेरिया सेहत के लिए है खतरनाक, सतर्क रहना जरूरी

मलेरिया के लक्षण संक्रमण के लगभग 10 दिन से 4 सप्ताह बाद शुरू होते हैं. हालांकि, मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति बहुत कमजोर हो जाता है.

Updated on: 25 Apr 2023, 09:47 PM

नई दिल्ली:

World Malaria Day: एनोफिलीज मच्छर के काटने के बाद मलेरिया होता है. यह कोविड या फ्लू की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी नहीं होती. कुछ मामलों में, यह ब्लड के जरिए या अंगों के प्रत्यरोपण के कारण हो सकता है. आमतौर पर मलेरिया के लक्षण संक्रमण के लगभग 10 दिन से 4 सप्ताह बाद शुरू होते हैं. हालांकि, मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति बहुत कमजोर हो जाता है. जिसका मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है वह मलेरिया के प्रभावों के ज्यादा दिनों तक पीडित रहता है. मलेरिया के लक्षणों की बात करें तो बुखार आना, पसीना, ठंड लगना, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी मलेरिया के सामान्य लक्षण हैं. तो आइए जानते हैं सेहत पर पड़ने वाले मलेरिया के प्रभावों के बारे में.

मलेरिया से होने वाली सेहत की समस्याएं:-

क्रोनिक मलेरिया 
क्रोनिक मलेरिया एक लंबे समय तक होने वाला संक्रमण है. यह आमतौर पर बुखार या किसी अन्य तीव्र लक्षणों के बिना भी हो सकता है. मलेरिया के परजीवियों के लंबे समय तक शरीर में होने से एनीमिया होने की भी संभावना होती है.  पुरानी मलेरिया से महिलाओं के गर्भधारण में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं. 

दुर्दमता 
मलेरिया प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity System) में परिवर्तन का कारण बनता है. इसके कारण शरीर कमजोर होता है. साथ ही, अन्य रोगों से लड़ने की क्षमता भी कम होती है. 

दिमाग के लिए हानिकारक
दुर्लभ मामलों में, मलेरिया मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है. इसे सेरेब्रल मलेरिया के रूप में जाना जाता है जो आपके मस्तिष्क में सूजन पैदा कर सकता है. इससे आपके दिमाग को कई तरह की समस्या हो सकती है.

न्यूरोलॉजिकल समस्या
ज्ञान संबंधी दीर्घकालीन अशक्तता, सीखने की अशक्तता को मलेरिया की दीर्घकालीन जटिलताओं के रूप में नोट किया गया है. सेरेब्रल मलेरिया के रूप में पेश होने वाले मस्तिष्क पर मलेरिया का प्रभाव मलेरिया परजीवी से प्रभावित रोगियों के न्यूरोलॉजिकल परिणामों पर स्पष्ट प्रभाव डालता है. मरीजों को कंपकंपी, चलने के दौरान असंतुलन और इलाज में देरी होने पर मलेरिया के कारण दौरे पड़ना जारी रह सकते हैं.

किडनी की समस्या
मलेरिया से पीड़ित कई रोगी किडनी की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं. यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया जाता है तो गुर्दे की संरचना में की समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे रोगी जो किडनी की समस्या से लंबे समय से पीड़ित हैं, उन्हें विशेष देखभाल करने और उन दवाओं से बचने की आवश्यकता हो सकती है.

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ट्रॉपिकल स्प्लेनेगली सिंड्रोम
ट्रॉपिकल स्प्लेनोमेगाली सिंड्रोम से शरीर में खून का स्तर कम हो सकता है और सामान्य कमजोरी औरन थकान जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकती है. कई मामलों में इससे मृत्यु भी हो सकती है.

गर्भावस्था में मलेरिया 
गर्भावस्था के दौरान मलेरिया से प्रभावित होने पर भ्रूण के विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इससे गर्भ में पल रहे शिशु के पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकते है. इससे शिशु को जन्म के समय कम वजन, समय से पहले प्रसव और अन्य विकासात्मक असामान्यताएं हो सकती हैं.