हर्ड इम्युनिटी पर WHO की सलाह, कहा- ये गलती पड़ सकती है भारी
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा, हमने कुछ अध्ययनों को देखा जहां नए संस्करण से ठीक होने वाले मरीजों के रक्त ने डेल्टा संक्रमण में मदद की, लेकिन हम नहीं जानते कि क्या भविष्य के वेरिएंट के लिए यह सही साबित होगा.
highlights
- कहा- कोरोना से लडा़ई में हर्ड इम्यूनिटी प्राप्त करने का विचार मूर्खतापूर्ण
- BA.2 BA.1 की तुलना में Omicron सब-वैरिएंट अधिक शक्तिशाली है
- भारत और डेनमार्क में अपनी पकड़ बना रहा Omicron सब-वैरिएंट
न्यूयॉर्क:
WHO chief scientist about hybrid immunity : विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि कोविड के खिलाफ लड़ने के लिए नेचुरल इंफेक्शन के माध्यम से हर्ड इम्यूनिटी प्राप्त करने का विचार मूर्खतापूर्ण है क्योंकि इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. नए Omicron सब-वैरिएंट के बारे में डॉ. सौम्या ने कहा कि BA.2 BA.1 की तुलना में यह अधिक शक्तिशाली है और इसका ट्रांसमिशन अन्य सब-वेरिएंट से अधिक है. उन्होंने कहा कि यह कुछ देशों विशेष रूप से भारत और डेनमार्क में अपनी पकड़ बना रहा है. डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य निकाय अभी तक ओमीक्रॉन के प्रभाव पर फिलहाल टिप्पणी करने में सक्षम नहीं है, क्योंकि यह एक अपेक्षाकृत नया वैरिएंट है और अध्ययन अभी भी यह निर्धारित करने के लिए चल रहा है कि क्या यह फिर से संक्रमण का कारण बन सकता है और यह लंबे समय तक इ्म्यमून को कैसे प्रभावित करता है. यह जानने के लिए दो महीने बहुत कम समय है कि क्या यह फिर से संक्रमण का कारण बन सकता है.
यह भी पढ़ें : Coronavirus: दिल्ली में कोरोना के 2668 नए मामले, 13 मरीजों की मौत
रोगियों में मृत्यु और गंभीर बीमारी के मामले कम हुए
उन्होंने कहा, हमने कुछ अध्ययनों को देखा जहां नए संस्करण से ठीक होने वाले मरीजों के रक्त ने डेल्टा संक्रमण में मदद की, लेकिन हम नहीं जानते कि क्या भविष्य के वेरिएंट के लिए यह सही साबित होगा. यह पूछे जाने पर कि कोविड के खिलाफ वर्तमान टीके ओमीक्रॉन को कैसे रिस्पांस कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला स्तर के अध्ययनों से पता चलता है कि एंटीबॉडी के नए संस्करण को बेअसर करने की संभावना कम है, यहां तक कि डेल्टा वैरिएंट से भी कम जो पहले से ही वैक्सीन के लिए कम प्रतिक्रियाशील था, जो पिछले वेरिएंट की तुलना में लिया गया था. हालांकि, अच्छी खबर यह है कि नैदानिक आंकड़ों से पता चलता है कि टीकाकरण वाले रोगियों में मृत्यु और गंभीर बीमारी के मामले कम हैं. उन्होंने कहा कि इस बारे में चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है कि मौजूदा टीके ओमीक्रॉन स्ट्रेन पर काम करते हैं या नहीं.
टीकों का उपयोग मददगार
उन्होंने कहा, अस्पताल में भर्ती होने और मौतों को कम करने के मामले में हम जिन टीकों का उपयोग कर रहे हैं, वे बहुत अच्छी तरह से काम कर रहे हैं. वे सभी हमारी मददगार है. बुजुर्ग और कमजोर लोग अब बेहतर तरीके से सुरक्षित हैं. यह दर्शाता है कि टीके प्रभावी हैं और एक अच्छा रक्षा तंत्र है.
क्या होती है हर्ड इम्युनिटी?
हर्ड इम्युनिटी, संक्रामक बीमारियों के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से बचाव होता है. यह तब होता है जब आबादी या लोगों का समूह या तो वैक्सीन लगने पर या फिर संक्रमण से उबरने के बाद उसके खिलाफ इम्युनिटी विकसित कर लेती है. समूह की इस सामूहिक इम्युनिटी को ही हर्ड इम्युनिटी कहते हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
KKR vs DC Dream11 Prediction : कोलकाता और दिल्ली के मैच में ये हो सकती है ड्रीम11 टीम, इन्हें चुनें कप्तान
-
KKR vs DC Head to Head : कोलकाता और दिल्ली में होती है कांटे की टक्कर, हेड टू हेड आंकड़ों में देख लीजिए
-
KKR vs DC Pitch Report : बल्लेबाज मचाएंगे धमाल या गेंदबाज मारेंगे बाजी? जानें कैसी होगी कोलकाता की पिच
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन करें तुलसी के ये उपाय, आर्थिक तंगी होगी दूर!
-
Guru Gochar 2024: 1 मई को गुरु गोचर से बनेगा कुबेर योग, जानें आपकी राशि पर इसका प्रभाव
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर करें ये उपाय, धन से भर जाएगी तिजोरी
-
Shiv Ji Ki Aarti: ऐसे करनी चाहिए भगवान शिव की आरती, हर मनोकामना होती है पूरी