Bhangdar Treatment: भगन्दर क्या है जानें इसके लक्षण कारण और इलाज
Bhangdar Treatment: भगंदर, जिसे फिस्टुला भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा के पास एक असामान्य मार्ग बन जाता है. यह मार्ग गुदा नहर से त्वचा की सतह तक जाता है. यह मार्ग मवाद और बैक्टीरिया से भरा हो सकता है.
नई दिल्ली :
Bhangdar Treatment: भगंदर, जिसे फिस्टुला भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा के पास एक असामान्य मार्ग बन जाता है. यह मार्ग गुदा नहर से त्वचा की सतह तक जाता है. यह मार्ग मवाद और बैक्टीरिया से भरा हो सकता है, जिससे दर्द, सूजन और संक्रमण हो सकता है. भगन्दर एक प्रकार की गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या है जो आंत की दीवार के अंदर संदर्भ में घाव या गांठ के कारण होती है. यह समस्या आमतौर पर पेट के बाईं ओर नीचे भाग में होती है. भगन्दर के लक्षण में पेट के निचले हिस्से में दर्द, सुजान, गांठ की स्थिति, बदबू, खून या पसीने का निकलना, और पेट की बदहजमी शामिल हो सकती हैं. यह समस्या आंत के दीवार के अंदर के रक्त और पेट के अन्य अंगों को दाबने के कारण होती है, जिससे यहां उच्च रक्तचाप और पेट में विकार होते हैं. भगन्दर का उपचार चिकित्सक द्वारा किया जाता है और इसमें दवाइयों का उपयोग, सर्जरी, और अन्य उपचार शामिल हो सकते हैं.
भगन्दर के लक्षण:
- गुदा के पास दर्द, सूजन और लालिमा
- मवाद या रक्त का रिसाव
- खुजली
- बुखार
- थकान
- मल त्याग करते समय दर्द
भगन्दर के कारण:
गुदा नहर में संक्रमण: यह सबसे आम कारण है. संक्रमण फोड़ा बना सकता है, जो बाद में फिस्टुला में बदल सकता है.
क्रोहन रोग: यह एक सूजन आंत्र रोग है जो फिस्टुला का कारण बन सकता है.
डायवर्टीकुलिटिस: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें बड़ी आंत में छोटी थैलियाँ बन जाती हैं. ये थैलियाँ फिस्टुला का कारण बन सकती हैं.
ट्यूमर: गुदा नहर या मलाशय में ट्यूमर फिस्टुला का कारण बन सकता है.
चोट: गुदा नहर में चोट फिस्टुला का कारण बन सकती है.
भगन्दर का इलाज: भगन्दर का इलाज आमतौर पर सर्जरी द्वारा किया जाता है. सर्जरी में फिस्टुला को हटा दिया जाता है. सर्जरी के प्रकार भगन्दर की गंभीरता और स्थान पर निर्भर करता है. सर्जरी के अलावा, भगन्दर के ये इलाज भी हो सकते हैं.
एंटीबायोटिक्स: संक्रमण को ठीक करने के लिए
दर्द निवारक: दर्द को कम करने के लिए
मल त्याग को नरम करने वाली दवाएं: मल त्याग को आसान बनाने के लिए
भगन्दर से बचाव:
गुदा नहर को साफ रखें: नियमित रूप से स्नान करें और गुदा नहर को साफ करें.
स्वस्थ आहार लें: फाइबर युक्त आहार खाएं और खूब पानी पीएं.
नियमित रूप से व्यायाम करें: व्यायाम करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और कब्ज से बचाव होता है.
धूम्रपान न करें: धूम्रपान संक्रमण के खतरे को बढ़ाता है.
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