Postpartum Diet: नई-नई मां बनी हैं तो जरूर जान लें ये बात... कहीं हो न जाए चूक
एक महिला के लिए मां बनने का सुख, उसका एहसास सब रिश्तों से अलग और खास होता है. मां बनकर औरत अपनी औलाद के रूप में खुद अपनी परछाई से मुलाकात करती है. अगर यूं कहें कि मां बनना एक औरत के लिए जीवन का सबसे सुखद अनुभव होता है, तो इसमें शायद कुछ गलत न हो. इन
नई दिल्ली:
Postpartum Diet Tips: एक महिला के लिए मां बनने का सुख, उसका एहसास सब रिश्तों से अलग और खास होता है. मां बनकर औरत अपनी औलाद के रूप में खुद अपनी परछाई से मुलाकात करती है. अगर यूं कहें कि मां बनना एक औरत के लिए जीवन का सबसे सुखद अनुभव होता है, तो इसमें शायद कुछ गलत न हो. इन नौ महीनों में एक महिला अपने बच्चे के सेहत के लिए खुद का पूरा ध्यान रखती हैं. हालांकि ये भी देखा गया है कि प्रेग्नेंसी के बाद डिलीवरी हो जाने पर महिलाएं अक्सर अपने खानपान के साथ लापरवाही करना शुरू कर देती हैं, जिस वजह से उनका शरीर कमजोरी की गिरफ्त में आ जाता है और जाने-अनजाने इसका नकरात्मक असर नवजात बच्चे पर भी पड़ता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं की यही लापरवाही, आगे चलर बच्चे के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है. साथ ही यही वजह भी है कि पोस्टपार्टम के दौरान, महिलाओं में कम एनर्जी लेवल, सुस्त मेटाबॉलिज्म, हार्मोन में अचानक बदलाव जैसी समस्या देखने को मिलती है, जिसकी वजह से कई और शारीरिक परिवर्तन का भी उन्हें अनुभव होता है. ऐसे में शायद उन महिलाओं को ये बिल्कुल अंदाजा नहीं है कि बच्चे के जन्म के बाद सही पोषण लंबे समय में अच्छे स्वास्थ्य की नींव रखता है. इसलिए हर महिला को डिलीवरी के बाद ऐसी परेशानियों से निपटने के लिए सही पोस्टपार्टम डाइट का ध्यान रखना चाहिए, जिससे नवजात बच्चे की देखभाल बेहतक ढंग से की जा सके. ऐसे में आइये जानते हैं डिलीवरी के बाद महिलाओं के लिए परफेक्ट पोस्टपार्टम डाइट क्या हो सकती है.
मांओं के लिए पोस्टपार्टम डाइट
- डिलीवरी के बाद लो एनर्जी शरीर में थकान और आलस के पीछे की वजह है शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी और लिक्विड्स की कमी, ऐसे में नई माएं हो सकते तो ज्यादा से ज्यादा शरीर को हाइड्रेटेड रखें, जिससे शरीर को एनर्जी मिलती रहे.
- जिस तरह महिलाएं प्रेग्नेंसी के वक्त खुद का पूरा ध्यान रखती हैं, उसी तरह डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को अपना ध्यान रखना चाहिए. डिलीवरी के बाद महिलाओं को कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन जैसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स लेने से परहेज नहीं करना चाहिए. ये जच्चा बच्चा दोनों के लिए बहुत जरूरी है.
- इसके अलावा महिलाओं को फलों और सब्जियों के सेवन से भी शरीर तक उचित मात्रा में फाइबर पहुंचाना चाहिए. इससे डाइजेशन से जुड़ी परेशानियों में काफी हद तक कमी आती है.
- नई माएं शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने और नींद की गड़बड़ी से बचने के लिए कैफीन की मात्रा को कम करें, साथ ही स्तनपान चालू रखने के लिए गैलेक्टोगॉग्स के नियमित सेवन पर ध्यान दें.
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