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Bipolar disorder क्या होता है, जानें लक्षण और उपचार

Bipolar Disorder : बाइपोलर डिसऑर्डर एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें व्यक्ति उदास और अवसादित होता है, अच्छा महसूस नहीं करता, नींद और भूखमर्जी की समस्याएं होती हैं, और उसकी एकाग्रता बिगड़ती है.

Updated on: 23 Jan 2024, 09:59 PM

नई दिल्ली:

Bipolar Disorder : बायपोलर विकार (Bipolar Disorder) एक मानसिक रोग है जिसमें व्यक्ति की मानसिक स्थिति में बार-बार बदलाव होता है. इसे मनोदशा विकार भी कहा जाता है। यह एक चिकित्साजन्य स्थिति है जिसमें मूड की उत्तेजना और उदासी के दौरों के साथ-साथ उत्साह और उत्साह के दौरों में बदलाव होता है. पीड़ित शख्स का जिंदगी के प्रति दृष्टिकोण नकारात्मक हो सकता है. बीमारी पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करती है. पुरुषों को महिलाओं की तुलना में जल्दी बाइपोलर डिसऑर्डर होने की संभावना होती है. कुछ लोगों को बहुत ज्यादा व्याकुलता का भी अनुभव हो सकता है. ये जोखिम भरा व्यवहार जैसे खुदकुशी के प्रयास का कारण बनती है.

बायपोलर विकार के प्रमुख लक्षण शीतला अवस्था (डिप्रेशन) और उत्तेजना (मैनिया) होते हैं, जो एक दूसरे के साथ बदलते रहते हैं.

मुख्य लक्षण:

डिप्रेशन (शीतलावस्था): यह समय होता है जब व्यक्ति उदास और अवसादित होता है, अच्छा महसूस नहीं करता, नींद और भूखमर्जी की समस्याएं होती हैं, और उसकी एकाग्रता बिगड़ती है.

मैनिया (उत्तेजना): यह अवस्था होती है जब व्यक्ति बहुत उत्साही, उत्साही, और अत्यधिक ऊर्जाशील होता है। वह अधिक बोलता है, अत्यधिक व्यय करता है, अधिक उत्तेजित रहता है, और अक्सर अस्वाभाविक या जोखिमपूर्ण कार्यों में प्रवृत्ति कर सकता है.

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उपचार:

बाइपोलर डिसऑर्डर लंबे समय तक रहनेवाली स्थिति है. इसलिए, पीड़ित शख्स को दवा से ज्‍यादा प्‍यार और प्रोत्‍साहन की जरूरत होती है. बायपोलर विकार का उपचार चिकित्साजन्य और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के साथ किया जाता है. उपचार में दवाएं, मानसिक स्वास्थ्य के पेशेवर सहायता, और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं.

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यह ध्यान देने योग्य है कि बायपोलर विकार का पूरी तरह से ठीक होना मुश्किल हो सकता है, लेकिन उचित उपचार और समर्थन से व्यक्ति को सामान्य और सकारात्मक जीवन जीने में मदद मिल सकती है. इसलिए, नियमित व्यायाम करें, खाने और सोने के शेड्यूल का पालन करें, अपने मूड में आए उतार-चढ़ाव को समझने की कोशिश करें, तनाव को नियंत्रित करना सीखें, सेहतमंद शौक या स्पोर्ट्स की तलाश करें, अल्कोहल न पीएं.