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Mobile Phone Disadvantages: सोते समय ना करें मोबाइल फोन का इस्तेमाल, जानें इसके नुकसान

ब्लू रे से आंखों पर असर पड़ता है. खासकर रात कमरे की लाइट बुझाकर मोबाइल पर टाइम स्पेंड करना बड़ा खतरनाक माना गया है

Updated on: 18 Jan 2024, 08:06 PM

नई दिल्ली:

सोते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने के कई नुकसान हो सकते हैं. ये आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. इसके हार्मफुल रेडिएशन आपको बीमार बना सकते हैं. मोबाइल से निकलने वाली ब्लू रे से आंखों पर असर पड़ता है. खासकर रात में कमरे की लाइट बुझाकर मोबाइल पर टाइम स्पेंड करना बड़ा खतरनाक माना गया है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे आपकी सोचने समझने की ताकत पर भी असर पड़ता है. वहीं नींद बाधित होती है. इससे अनिंद्रा की समस्या आ सकती है. आइए जानने की कोशिश करते हैं इसके कुछ नुकसान:

नींद की बाधा: सोते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल नींद को बाधित कर सकता है. स्क्रीन की रोशनी और ब्लू लाइट सोने की क्षमता को कम कर सकती है और नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है.

आंतरदृष्टि की कमी: सोते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से आपकी आंतरदृष्टि की कमी हो सकती है, क्योंकि आप स्क्रीन पर ध्यान दे रहे होते हैं और आंखें धीरे-धीरे थक सकती हैं.

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: सोते समय सोशल मीडिया या दूसरे इंटरनेट साइट्स पर वक्त बिताना, खबरों को पढ़ना या वीडियो देखना, मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है और नकारात्मक अवस्था में रख सकता है.

सिरदर्द और आंतरदृष्टि समस्याएं: सोते समय ब्लू लाइट जो कि मोबाइल स्क्रीन से निकलती है, सिरदर्द और आंतरदृष्टि समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं.

रात्रि की नींद पर असर: सोते समय मोबाइल इस्तेमाल करने से रात्रि की नींद पर असर पड़ सकता है, जिससे आपकी नींद का गुणवत्ता कम हो सकती है और आप थके-थके महसूस कर सकते हैं.

रेडिएशन का असर: मोबाइल फोनों से निकलने वाली रेडिएशन का असर सोते समय आपके शरीर पर पड़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

सोते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करने के लिए, रात्रि के समय उसे बंद करने की कोशिश करें और एक स्वस्थ सोने के वातावरण को बनाए रखने के लिए आदतें बनाएं.