दिलीप कुमार के निधन पर हेमा मालिनी ने जताया शोक, बोलीं- पूरी इंडस्ट्री को सिखाई एक्टिंग
हेमा मालिनी ने कहा कि दिलीप कुमार का निधन बॉलीवुड के लिए एक बड़ी छति है. उन्होंने कहा कि दिलीप कुमार ने पूरी इंडस्ट्री को एक्टिंग सिखाया है. लोगों ने उनको कॉपी करके एक्टिंग सिखी है. उन्होंने कहा कि उस जमाने में लोग दिलीप साहेब के कॉपी किया करते थे.
highlights
- दिलीप कुमार के निधन पर हेमा मालिनी ने जताया शोक
- हेमा ने कहा- दिलीप कुमार ने पूरे बॉलीवुड को एक्टिंग सिखाई
- दिलीप कुमार का 98 साल की उम्र में निधन हो गया
नई दिल्ली:
बॉलीवुड में 'ट्रेजडी किंग' (Tragedy King) के नाम से मशहूर दिलीप कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का निधन हो गया है. लंबी बीमारी के बाद बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार दिलीप कुमार (Dilip Kumar Passes Away) ने बुधवार सुबह 7.30 बजे आखिरी सांस ली. दिलीप कुमार ने अपने पूरे करियर में कुल 65 फिल्में की थी, लेकिन उनकी हर फिल्म ने हिंदी सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी. उनके चाहने वाले सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में भी खूब थे. दिलीप कुमार के निधन पर पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर है. बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने दिलीप साहब के निधन पर शोक जताया.
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हेमा मालिनी ने कहा कि दिलीप कुमार का निधन बॉलीवुड के लिए एक बड़ी छति है. उन्होंने कहा कि दिलीप कुमार ने पूरी इंडस्ट्री को एक्टिंग सिखाया है. लोगों ने उनको कॉपी करके एक्टिंग सिखी है. उन्होंने कहा कि उस जमाने में एक्टिंग के स्कूल नहीं हुआ करते थे. तो सभी लोग दिलीप साहेब के कॉपी किया करते थे. उन्होंने दिलीप साहेब की गंगा-जमुना और राम-श्याम को अपनी फेवरेट फिल्में बताया. उन्होंने कहा कि मुझे भी क्रांति फिल्म में उनके साथ काम करने का मौका मिला.
दिलीप साहेब कैरेक्टर को जीते थे. वे हर किरदार को काफी बारिकी से समझते थे. किरदार को करने से पहले उसमें ढल जाते थे. इसीलिए उनकी हर फिल्म हिट रही. उनका हर किरदार याद किया जाता है. हेमा मालिनी ने कहा कि शायरी जी ने एक टीवी सीरीयल बनाया था, जिसकी शूटिंग मेरे ही घर में हुई थी. उस वक्त दिलीप साहेब भी वहां आया करते थे. और बिल्कुल आम आदमी की तरह से रहते थे. हेमा मालिनी ने शायरा बानो की तारीफ करते हुए उनके प्यार को सलाम किया. हेमा ने कहा कि शायरा जी ने अपने प्यार से दिलीप साहब का सारा जिंदगी ख्याल रखा. इसीलिए जीवन के आखिरी दिनों में दिलीप साहब सब कुछ भूल गए लेकिन शायरा जी को हमेशा याद रखा.
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दिलीप कुमार ने साल 1944 में फिल्म 'ज्वार भाटा' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. लेकिन 1947 की फिल्म 'जुगनू' से उन्हें बॉलीवुड में खास पहचान मिली. अभिनय की तरफ जाने के लिए उन्हें उनके बचपन के दोस्त राज कपूर ने बहुत प्रेरित किया. फिल्मफेयर के दौरान दिलीप ने बताया था कि वे और राज कपूर भाइयों के जैसे थे. राज कपूर के घर में भी उनका स्वागत बेटे जैसा ही होता था. फिल्मों में आने से पहले राज कपूर उनसे अक्सर कहा करते थे कि वह बेहद अच्छे दिखते हैं इसलिए उन्हें हीरो बनने के बारे में सोचना चाहिए.
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