दिग्गज नेताओं का साथ छोड़ने पर रॉबर्ट वाड्रा ने जताई नाराजगी, कहा- पावर और पद के पीछे भाग रहे
बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के अनुसार, ये एक विरासत है, कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है. उनके परिवार के लिए बहुत कुछ किया है.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्टी का साथ छोड़ते नजर आ रहे हैं. इस पर गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि ऐसे नेता पावर और पद के पीछे भागते हैं. उन्होंने इस बार पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव में लड़ने का भरोसा जताया है. मीडिया से बातचीत के दौरान रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि ये सही नहीं है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं है. मैं उन लोगों से मिला हूं, जिनके पास अनुभव है. अब ऐसे वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि उन्हें पावर, टिकट या सीट की जरूरत है, मगर इसके लिए कोशिश नहीं करते हैं. अगर आपको ऐसा लगता है कि आपकी पहचान मंत्री होने पर आधारित है और यदि ऐसा नहीं है तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसका मतलब यह नहीं है कि अगर कोई दूसरी पार्टी ऑफर करती है, तो वे साथ छोड़कर चले जाएं.
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वाड्रा के अनुसार, ये एक विरासत है, कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है. उनके परिवार के लिए बहुत कुछ किया है. ऐसे नेताओं की पीढ़ियां जब कांग्रेस के साथ हैं तो उन्हें थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है. इस दौरान भले ही उन्हें कठिनाई महसूस हो या सत्ता में वापास आने में काफी समय लगे. वाड्रा ने कहा, सत्ता ही सब कुछ नहीं है. हम उनसे नाराज नहीं हैं, बल्कि उन्हें अच्छे भविष्य के लिए विदा करते हैं. जो लोग छोड़कर गए हैं, उनके लिए किसी पार्टी विशेष की विचारधारा कोई मायने नहीं रखती. जहां सत्ता या पद मिलता है, वहां चले जाते हैं. उनके लिए सिर्फ पद ही मायने रखता है.
हम वर्षों से ऐसे नेताओं के आने और जाने के साक्षी रहे हैं: वाड्रा
वाड्रा से जब पूछा गया कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंदर सिंह, रवनीत सिंह बिट्टू और गौरव वल्लभ जैसे कुछ खास चेहरों ने कांग्रेस को क्यों त्याग दिया? तब उन्होंने कहा, कुछ ऐसे नेता हैं जो चुनाव लड़ने के लिए टिकट न मिलने पर पार्टी को छोड़ देते हैं. वाड्रा के अनुसार, वे यह नहीं सोचते कि कांग्रेस ने उनके लिए क्या किया है. उन्हें लगता है कि पद और पहचान होना जरूरी है. ऐसे में जब उन्हें टिकट नहीं मिलता या कोई अन्य पार्टी ये आफर दे देती है, तो वे चले जाते हैं. हम वर्षों से ऐसे नेताओं के आने और जाने के साक्षी रहे हैं. जब समय बदलेगा तो आप देखेंगे बहुत से लोग वापस लौट जाएंगे. लेकिन कांग्रेस पार्टी, इंडिया गठबंधन और गांधी परिवार अपनी आवाज उठाते रहेंगे, लोगों के लिए लड़ेंगे.
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