खुश हूं कि 2014 का युग खत्म हो गया है, अब कांग्रेस नए विजन के साथ आई है: राहुल गांधी
राहुल गांधी बोले- हमने काम नहीं किया और जनता ने हमें दंडित किया. अब हम इस देश के लिए एक नई दृष्टि के साथ, विचारों के एक नए सेट के साथ आ रहे हैं.
नई दिल्ली:
देश की सबसे पुरानी पार्टी 2014 के चुनावों में बुरी तरह हारी थी, क्योंकि हम उस समय ऐसे मॉडल को चलाने की कोशिश कर रहे थे, जो पुरानी हो गई थी और नाकाम थी. अब पिछले कुछ चुनाव परिणामों ने हमें काफी कुछ सिखाया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में ये बातें कहीं. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा, मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) 1990 के दशक में एक मॉडल के साथ आए थे, जो बहुत सफल रहा. उसी मॉडल को हमने 2004-09 तक चलाया और 2009-14 के बीच भी हम उसी तरह काम किया, लेकिन समय की जरूरत कुछ और थी. हमने काम नहीं किया और जनता ने हमें दंडित किया. अब हम इस देश के लिए एक नई दृष्टि के साथ, विचारों के एक नए सेट के साथ आ रहे हैं.”
"एकतरफा निर्णय लेने की शैली" के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra MOdi) की निंदा करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा, "मोदी अपनी सरकार द्वारा बनाई गई गड़बड़ी के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार थे क्योंकि उन्होंने किसी भी बड़े फैसले को लेने से पहले अपने मंत्रिमंडल (Cabinet) के सदस्यों से परामर्श नहीं किया था, जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था."
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा, "उन्होंने नोटबंदी (Demonitisation) की, गब्बर सिंह टैक्स (Gabbar Singh Tax) लगाया तो मंत्रिमंडल में किसी से भी सलाह नहीं ली. उनकी एकतरफा निर्णय लेने की शैली के कई और उदाहरण हैं, जिसने हमारी अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ दिया. यही कारण है कि देश में बेरोजगारी की दर 45 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर है.
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) केवल कांग्रेस मुक्त भारत की बात कहते रहे, जबकि ऐसा किसी भी अन्य दल ने नहीं किया. उन्हें डर था कि कांग्रेस (Congress) ही एकमात्र पार्टी है जो उन्हें चुनाव में हराएगी. अब कांग्रेस पार्टी मोदी को हराने जा रही है. हम उनसे वैचारिक रूप से लड़ रहे हैं.
राष्ट्रवाद के मुद्दे पर 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने वाली बीजेपी के बारे में राहुल गांधी ने कहा, मोदी जब भी किसी समस्या में होते हैं, लोगों को वास्तविक मुद्दों से विचलित करते हैं. हमारे पास राष्ट्रवाद का जबरदस्त रिकॉर्ड है और इस चुनाव में मुख्य मुद्दे हैं बेरोजगारी, भारत के गौरव का विनाश, जो उसकी अर्थव्यवस्था थी, हमारे किसानों की स्थिति और मोदी के भ्रष्टाचार का.
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