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अजीत पवार ने आधी रात को पाप किया, चोरी की और डाका डाला, संजय राउत ने निकाली खीझ

महाराष्‍ट्र में नई सरकार बनने, देवेंद्र फड़णवीस के दोबारा मुख्‍यमंत्री बनने और अजीत पवार के डिप्‍टी सीएम बनने के बाद पत्रकारों के सामने प्रतिक्रिया देने आए संजय राउत के होश आज फाख्‍ता थे.

Updated on: 23 Nov 2019, 10:06 AM

नई दिल्‍ली:

महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से लगातार अपनी ख्‍यात ट्वीटों को लेकर चर्चा में रहने वाले शिवसेना के वरिष्‍ठ नेता संजय राउत का मूड शनिवार सुबह कुछ उखड़ा-उखड़ा था. महाराष्‍ट्र में नई सरकार बनने, देवेंद्र फड़णवीस के दोबारा मुख्‍यमंत्री बनने और अजीत पवार के डिप्‍टी सीएम बनने के बाद पत्रकारों के सामने प्रतिक्रिया देने आए संजय राउत के होश आज फाख्‍ता थे. न शेरों न शायरी, अपनी सख्‍त जुबान से वे अजीत पवार को भला-बुरा कहते रहे. साथ ही देवेंद्र फड़णवीस के बारे में कुछ भी कहने से बचते रहे. पत्रकारों से बातचीत में संजय राउत ने राजभवन और राज्‍यपाल पर भी सवाल उठाए.

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एक दिन पहले तक एनसीपी और कांग्रेस नेताओं के साथ सीना चौड़ा कर घूमते रहे संजय राउत शनिवार सुबह पत्रकारों के सामने आए तो थोड़ा बुझे-बुझे थे. तंज और ताना नहीं, चेहरे पर शिकन थी. होती भी क्‍यों नहीं, हाथ आई सत्‍ता की चिड़िया उड़ जो गई थी. संजय राउत ने अजीत पवार को भला-बुरा कहते हुए कहा, इस फैसले में शरद पवार की कोई सहमति नहीं है.

उन्‍होंने कहा, कल शाम तक अजीत पवार हमारे साथ बैठकों में थे, लेकिन वे नजरें नहीं मिला पा रहे थे. जिसकी नजर में खोट होता है, वो नजरें नहीं मिला पाता है. संजय राउत ने कहा, अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार को धोखा दिया है. यह न केवल शरद पवार के साथ धोखा है, बल्‍कि महाराष्‍ट्र की जनता के साथ धोखा है. शिवाजी की धरती के साथ धोखा है. अजीत पवार और उनके साथ के विधायकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों से छल किया है.

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संजय राउत ने कहा, शनिवार सुबह जो कुछ भी हुआ, उससे यह साबित होता है कि राजभवन की शक्‍तियों का दुरुपयोग किया गया है. हमें लगता था कि राज्‍यपाल आरएसएस से आए हैं, अच्‍छे और संस्‍कारी व्‍यक्‍ति हैं, लेकिन महाराष्‍ट्र में जो पाप हुआ है, उसमें राजभवन बराबर की साझीदार है.