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‘एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड’ की शुरुआत के लिए राज्यों को दिया गया 1 साल का समय

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि दस राज्य पहले से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की पात्रता के मामले में पोर्टेबिलिटी उपलब्ध करा रहे हैं. इनमें आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा शामिल हैं.

Updated on: 30 Jun 2019, 08:13 AM

highlights

  • ‘एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड’ लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 जून 2020 तक का समय
  • इस व्यवस्था के तहत कोई भी राशन कार्ड धारक देशभर में कहीं से भी सस्ता राशन खरीद सकता है
  • आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में पोर्टेबिलिटी की सुविधा

नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने देश में ‘एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड’ व्यवस्था लागू करने के लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 जून 2020 तक का समय दिया है. इस व्यवस्था के तहत कोई भी राशन कार्ड धारक देशभर में कहीं से भी सस्ता राशन खरीद सकता है.

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खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि दस राज्य पहले से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की पात्रता के मामले में पोर्टेबिलिटी उपलब्ध करा रहे हैं. इनमें आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा शामिल हैं.

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30 जून 2020 तक पूरे देश में लागू होगी योजना
पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अगले साल 30 जून 2020 तक पूरे देश में ‘एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड’ व्यवस्था को बिना किसी देरी के लागू कर दिया जाएगा. हमने इस बारे में राज्यों को तेजी से काम आगे बढ़ाने के लिये पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि नई प्रणाली से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि यदि कोई भी व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो उसे राशन मिलने में किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. नई प्रणाली से फर्जी राशन कार्ड भी समाप्त होंगे.

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100 दिन के एजेंडे में शामिल है ये कार्यक्रम
पासवान ने आगे कहा कि तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा और मध्य प्रदेश सहित 11 राज्यों में राशन कार्ड धारकों के लिये राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की स्थिति में सस्ता राशन मिलना आसान होगा. इन राज्यों में राशन की दुकानों पर प्वायंट आफ सेल (पीओएस) मशीनें पहले से ही लगी हुई हैं.

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खाद्य मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन के एजेंडे में शामिल कार्यक्रमों में यह भी एक कार्यक्रम है. सरकार नवंबर 2016 के बाद से देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को अमल में लाने के लिये प्रयासरत है. इस कानून के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ती दरों पर एक से तीन रुपये किलो के दाम पर राशन उपलब्ध कराया जाता है.

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77 प्रतिशत राशन दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई गईं

नयी प्रणाली को विस्तृत तौर पर समझाते हुए पासवान ने कहा कि लाभार्थियों को देशभर में किसी भी राशन की दुकान से सामान खरीदने के लिए अपना आधार कार्ड दिखाना होगा. यदि लाभार्थी किसी विशेष पंजीकृत दुकान से ही राशन लेने की इच्छा जाहिर करेगा तो उसका राशन कार्ड उसी दुकान से जोड़ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक प्रणाली के साथ करीब 89 प्रतिशत लाभार्थियों के आधार कार्ड का आंकड़ा जोड़ा जा चुका है. वहीं देशभर की 77 प्रतिशत राशन दुकानों पर पीओएस मशीनें लगायी जा चुकी हैं.

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पासवान ने कहा कि 22 राज्यों में 100 प्रतिशत राशन दुकानों पर पीओएस मशीनें लग चुकी हैं. ऐसे में नयी प्रणाली को लागू करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. दिल्ली में एक साल पहले पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू की गयी थी लेकिन फिर उसे बाद में बंद कर दिया गया.