भारत के निर्यात रोकते ही दुनिया भर में इतने रुपए बढ़े गेहूं के दाम, मचा हाहाकार
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में गेहूं की आवक प्रभावित होने और भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का असर पूरी दुनिया में दिखने लगा है. वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमत मई में लगातार चौथे महीने गेहूं बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
highlights
- रूस-यूक्रेन अकेले दुनिया के 29 प्रतिशत गेहूं का करते हैं उत्पादन
- युद्ध की वजह से उत्पादन कम होने व पूर्ती प्रभावित होने से बिगड़े हालात
- वैश्विक बाजार में एक महीने में 5.6 फीसदी बढ़ चुके हैं गेहूं के दाम
नई दिल्ली:
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में गेहूं की आवक प्रभावित होने और भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का असर पूरी दुनिया में दिखने लगा है. वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमत मई में लगातार चौथे महीने गेहूं बढ़ोतरी दर्ज हुई है. सिर्फ मई में ही गेहूं की वैश्विक कीमत में 5.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है. गेहूं की मौजूदा कीमत इस वक्त पिछले वर्ष के मई की तुलना में 56.2 फीसदी ज्यादा है. हालांकि, यह मार्च 2008 के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर से 11 फीसदी ही नीचे है.
यह भी पढ़ें-E-charging के बाजार में उतरी तेल कंपनियां, 900 स्टेशन करेंगी स्थापित
रूस-यूक्रेन युद्ध से बिगड़े हालात
दरअसल, रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच तीन महीने से ज्यादा समय से छिड़ी लड़ाई के साथ ही मौसमी वजहों ने पूरी दुनिया के सामने में फूड क्राइसिस (Food Crisis) पैदा कर दिया है. ऐसे हालात में सभी देश पहले अपनी जरूरतें पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. लिहाजा, गेहूं समेत कुछ जरूरी वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध (Wheat Export Ban) लगा दिया है. हालांकि, भारत के इस फैसले का वैश्विक बाजार (Global Market) में प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है. भारत की ओर से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद गेहूं की वैश्विक कीमत (Wheat Global Prices) तेजी से बढ़ी है. हालात ये है कि इस वक्त गेहूं की कीमत रिकॉर्ड उच्च स्तर के पास पहुंच गई है. इसके साथ ही कई अव्वल निर्यातक देशों में खराब मौसम की वजह से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका भी है. हालांकि एक अच्छी बात है कि मोटे अनाजों की वैश्विक कीमत मई में कुछ कम हुई हैं. हालांकि मई में 2.1 फीसदी की नरमी के बाद भी मौजूदा कीमत साल भर पहले से 18.1 फीसदी ज्यादा हैं.
एक साल में डेढ़ गुणा की बढ़ोतरी
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की फूड एजेंसी 'फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO)' के मुताबिक यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद दोनों देशों में गेहूं का उत्पादन (Wheat Production) कम रहने की आशंका है. इस बीच देश में कम उत्पादन और मूल्य वृद्धि को देखते हुए भारत ने भी गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है. इसी वजह से मई में लगातार चौथे महीने गेहूं के मूल्य में वृद्धि दर्ज हुई है. इस वर्ष मई में गेहूं की कीमत में वैश्विक बाजार में 5.6 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई है. यानी पिछले वर्ष मई की तुलना में मौजूदा कीमत 56.2 फीसदी ज्यादा है. हालांकि, मार्च 2008 के रिकॉर्ड स्तर से यह 11 फीसदी अब भी नीचे है. दरअसल, रूस-यूक्रेन दुनिया के कुल गेहूं उत्पादन का 29 प्रतिशत अकेले ही उत्पादन करता है. ऐसे में फरवरी माह से ही दोनों देशों में युद्ध छिड़े होने की वजह से गेहूं के उत्पादन के साथ ही आवक भी प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर दुनियाभर में गेहूं की किल्लत पैदा हो गई है. इसके साथ ही मई 2022 में चावल की कीमत (Rice Prices) भी लगातार पांचवें महीने वृद्धि दर्ज हुई है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Vastu Tips: दक्षिण दिशा में मुख करके पूजा करना शुभ या अशुभ? कहीं आप तो नहीं कर रहें ये गलती
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Surya Dev ki Aarti: रविवार के दिन जरूर पढ़ें सूर्यदेव की ये आरती, जीवन में आएगा बड़ा बदलाव!
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक