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शहबाज शरीफ के बेटे हमजा 3 मतों से जीत फिर बने पंजाब के मुख्यमंत्री

पंजाब की 368 सदस्यीय विधानसभा में हमजा की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 179 वोट मिले, जबकि इलाही की पार्टी को 176 वोट मिले.

Updated on: 23 Jul 2022, 07:56 PM

highlights

  • बेहद नाटकीय घटनाक्रम में महज 3 मतों से जीत बने पंजाब के दूसरी बार सीएम
  • उपाध्यक्ष ने उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के 10 महत्वपूर्ण मतों को खारिज किया

लाहौर:

पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर पंजाब विधानसभा में पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए हुए मतदान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) के बेटे हमजा शरीफ ने नाटकीय घटनाक्रम के बीच महज तीन मतों के अंतर से जीत हासिल की. उपाध्यक्ष ने उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के 10 महत्वपूर्ण मतों को खारिज कर दिया था. इसके बाद शनिवार को हमजा को पंजाब के गवर्नर बलीगुर रहमान ने गवर्नर हाउस में शपथ दिलाई. हालांकि हमजा (Hamza Shahbaz) की जीत की घोषणा होने के बाद देशभर में प्रदर्शन हो गए हैं. साथ ही विपक्षी उम्मीदवार ने इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही है. 

पीएमएल-एन को बहुमत नहीं
रोचक बात है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के पास 17 जुलाई को हुए अहम उपचुनावों के बाद विधानसभा में बहुमत नहीं है. पंजाब की 368 सदस्यीय विधानसभा में हमजा की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 179 वोट मिले, जबकि इलाही की पार्टी को 176 वोट मिले. इस चुनाव में भी विधानसभा उपाध्यक्ष दोस्त मोहम्मद माजरी ने संविधान के अनुच्छेद 63-ए का हवाला देते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) पार्टी के उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही के 10 मतों को खारिज कर दिया. पीएमएल-क्यू पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का सहयोगी दल है.

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उपाध्यक्ष के फैसले का हो रहा विरोध
इलाही की पीएमएल-क्यू के 10 मतों को इस आधार पर नहीं गिना गया कि उन्होंने अपने पार्टी के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन के आदेशों का उल्लंघन किया था.  मजारी ने कहा कि पार्टी प्रमुख हुसैन ने पीएमएल-क्यू के सदस्यों को इलाही के बजाय हमजा को वोट देने का निर्देश दिया था. हालांकि पीटीआई-पीएमएलक्यू के विधायकों ने उपाध्यक्ष के फैसले का विरोध किया. यह दूसरी बार है जब हमजा ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद पर इलाही को हराया है. पिछली बार उन्हें 16 अप्रैल को जीत मिली थी लेकिन उन्हें शपथ दिलाने में कई दिनों की देरी हुई थी क्योंकि तत्कालीन गवर्नर उमर सरफराज चीमा ने उन्हें शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था. बाद में नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने लाहौर उच्च न्यायालय के निर्देशों पर 30 अप्रैल को उन्हें शपथ दिलायी थी.

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उच्चतम न्यायालय ने जारी किया नोटिस
इस बार भी हमजा की नियुक्ति पर इमरान खान के समर्थकों के शुक्रवार देर रात को देशभर में प्रदर्शन किए और उन्होंने मुख्यमंत्री के चुनाव को गैरकानूनी करार दिया. लाहौर, पंजाब प्रांत के कुछ अन्य हिस्सों, कराची, इस्लामाबाद और पेशावर में व्यापक प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे. इलाही ने शनिवार को उपाध्यक्ष के विवादास्पद फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. इस पर न्यायालय ने  मजारी तथा हमजा को नोटिस जारी किए हैं. पीटीआई अध्यक्ष खान ने हमजा की जीत पर हैरानी जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय न्याय करेगा और पार्टी के जनादेश को चुराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.